27 अप्रैल 2012
रियाद (सउदी अरब)। निर्धन छात्रों को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) की प्रवेश परीक्षा की मुफ्त तैयारी कराने के लिए सुपर-30 कोचिंग संस्था चलाने वाले आनंद कुमार का कहना है कि भारत की उन्नति में बिहारियों का अहम योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि अब उनके राज्य के लोगों को बिहारी कहलाने में शर्म महसूस नहीं होती बल्कि गर्व का एहसास होता है। आनंद सउदी अरब की राजधानी रियाद में बिहार के गठन के 100 वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित बिहार दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। उन्होंने समारोह में कहा कि पंजाब में हरित क्रांति हो या फिर भारत के महानगरों को सुनियोजित तरीके से चलाने की बात हो.. इस सब में बिहारियों का अहम योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि आज बिहार की स्थिति बदली है और इस राज्य की पहचान भारत के बदलते हुए राज्य के तौर पर होने लगी है।
इंटरनेशनल सोसायटी फॉर वेलफेयर एंड सोलिडेरिटी व बिहार फाउनडेशन ने संयुक्त रूप से रियाद में बिहार दिवस का आयोजन किया। समारोह में आनंद ने बतौर मुख्य अतिथि कहा, "बिहार की मिट्टी में बड़ी ताकत है। गौतम बुद्ध, महावीर और गुरु गोविंद सिंह बिहार की मिट्टी की ही उपज हैं। उन्होंने कहा कि बिहार का महौल बदला है और अब बिहारियों में काफी जागरूकता आई है। अब हर बिहारी शिक्षा की ताकत को समझने लगा है और किसी भी कीमत पर अपने बच्चों को पढ़ाना चाहता है। समय कुछ इस तरह से बदला है कि बिहार कि जनता अब नेताओं से नौकरी नहीं बल्कि अपने बच्चों के लिए स्कूलों की मांग करने लगी है।" उन्होंने विश्वास जताया कि अगर बिहारी इसी रफ्तार से आगे बढ़ते रहे तो वो दिन दूर नहीं जब बिहार दुनिया के मानचित्र पर चमकता दिखेगा।
खचाखच भरे हॉल में कार्यक्रम के दौरान प्रवासी बिहारियों ने अपने विचार रखे और बदलते बिहार पर खुशी जहिर की। कार्यक्रम की आयोजन समिति के प्रमुख ओबेदुर रहमान ने आनंद को मोमेंटो देकर सम्मानित किया। रहमान ने बताया कि बिहार दिवस के आयोजन से सउदी में रह रहे दो लाख बिहारियों का मनोबल काफी बढ़ा है और कार्यक्रम को लेकर उनमें काफी उत्साह है। कार्यक्रम में भारतीय दूतावास के मनोहर राम तथा बिहार विद्यान परिषद के उपाध्यक्ष सलीम परवेज भी मौजूद थे।