29 अप्रैल 2012
कोलकाता। मानवाधिकार कार्यकर्ता बिनायक सेन ने रविवार को राजधानी के पूर्वी इलाके नोनादांगा स्थित झोपड़पट्टी से लोगों को हटाए जाने को दुखद एवं एक बड़ा अपराध बताया। सेन ने पश्चिम बंगाल की सरकार पर अमानवीय होने का आरोप भी लगाया। सेन ने कहा, "लोगों को वहां से हटाया जाना दुखद एवं एक बड़ा अपराध है। बिना कोई विकल्प एवं आजीविका का साधन उपलब्ध कराए लोगों को विस्थापित करना वास्तव में राज्य सरकार की अमानवीयता दिखाता है। "
झोपड़पट्टी के निवासियों को 'पर्यावरण शरणार्थी' बताते हुए सेन ने कहा कि लोगों को बेवजह सजा दी जा रही है।
नोनादांगा झोपड़पट्टी में शरण लेने वालों में बड़ी संख्या में वे परिवार हैं जो वर्ष 2010 में आए चक्रवाती तूफान आइला से बेघर हो गए थे।