1 मई 2012
शिरडी (महाराष्ट्र)। वरिष्ठ सामाजिक कायकर्ता अन्ना हजारे ने एक प्रभावी लोकपाल विधेयक की मांग को लेकर मंगलवार को अपनी पांच सप्ताह की महाराष्ट्र यात्रा की शुरुआत की। यात्रा की शुरुआत में सामाजिक कार्यकर्ता ने कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी एवं केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदम्बरम सहित कांग्रेस के कई नेताओं पर निशाना साधा। चिदम्बरम पर पिछले वर्ष दिल्ली के रामलीला मैदान के अपने आंदोलन को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए हजारे ने कहा कि उन्होंने उनके आंदोलन को असफल करने की कोशिश की लेकिन वह सफल नहीं हुए।
हजारे ने कहा, "मुझे यह कहते हुए अदालत के समक्ष पेश किया गया कि मेरे आंदोलन से शांति भंग होगी। मैंने जमानत लेने से इंकार कर दिया। मैंने कहा कि मैं जेल जाने को तैयार हूं और मैं तिहाड़ जेल गया।"
अन्ना हजारे ने कहा कि सरकार ने सोचा नहीं था कि वह जेल जाने के लिए तैयार होंगे और इसलिए चिदम्बरम की साजिश असफल हो गई।
सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा, "जब देश का केंद्रीय गृह मंत्री ऐसी साजिश कर सकता है तो देश कहां जाएगा? यदि जन लोकपाल विधेयक होता तो चिदम्बरम जेल में होते।"
अन्ना हजारे ने कहा कि अपनी 35 दिनों की यात्रा में वह 35 जिलों में जाएंगे और भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष जारी रखने के लिए लोगों को प्रेरित करेंगे।
अहमदनगर जिले के साईं बाबा मंदिर में प्रार्थना करने के बाद लोगों को सम्बोधित करते हुए अन्ना हजारे ने कहा कि लोकसभा चुनावों की घोषणा के बाद वह बड़े आंदोलन की शुरुआत करेंगे।
विदेशों में जमा कालाधन को स्वदेश न लाने का आरोप लगाते हुए उन्होंने सरकार की आलोचना की। शिरडी रवाना होने से पहले सामाजिक कार्यकर्ता ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को ईमानदार व्यक्ति बताया लेकिन कहा कि उन्हें नियंत्रित किया जा रहा है।
महाराष्ट्र में सूखाग्रस्त इलाके का हाल में दौरा करने वाले राहुल गांधी की आलोचना करते हुए अन्ना हजारे ने कहा कि राहुल का दौरा एक तिकड़म था और इस तरह के दौरे से समस्या का समाधान नहीं होगा।