7 मई 2012
नई दिल्ली। रविवार की रात घड़ी ने जैसे ही समय 9.05 बताया, अंतरिक्ष का नायाब खेल देखने के लिए उत्साही लोग घरों से बाहर निकल आए। खगोल वैज्ञानिकों ने जैसा बताया था, वैसा ही हुआ। लोगों ने वर्ष के सबसे बड़े और चमकीले चांद को देखा।
खगोलविदों के मुताबिक, चांद आमतौर पर पूर्णिमा के दिन जैसा दिखता है, उससे 14 फीसदी बड़ा और 30 फीसदी अधिक चमकीला नजर आया।
साइंस पॉपुलराइजेशन एसोसिएशन ऑफ कॉम्युनिकेटर्स एंड एजुकेटर्स (स्पेस) की सदस्य मिला मित्रा ने कहा, "जो लोग आज के चांद को दोबारा कैमरे में कैद करना चाहते हैं वे अब 2014 में ही ऐसा कर पाएंगे। सुपर चांद की पृथ्वी से दूरी केवल 357,000 किलोमीटर थी जबकि वास्तविक दूरी 384,400 किलोमीटर है।"
राष्ट्रीय राजधानी के लोगों ने रविवार की रात चांद को कौतुक भरी नजरों से निहारा क्योंकि ऐसा नजारा फिर जल्द मिलने वाला नहीं था।
पूर्वी दिल्ली के लक्ष्मी नगर में रहने वाले कुमार संभव ने कहा, "अद्भुत नजारा था। पूर्णिमा का चांद अपने आकार से बड़ा दिख रहा था। वह समुद्र में एक अकेला सफेद जहाज की तरह नजर आया।"
दर्शकों के लिए ऐसे नजारे का दीदार करना इसलिए सम्भव हुआ क्योंकि पूर्णिमा की तिथि को चांद पूरी तरह गोल और अपनी कक्षा में परिक्रमा करते हुए पृथ्वी के करीब आ गया। खगोल वैज्ञानिकों के मुताबिक रविवार को बुद्ध पूर्णिमा की रात ठीक 9.05 बजे चांद अपनी धुरी पर घूमते हुए पृथ्वी के निकटतम बिंदु पर आ गया।
सुपर चांद को देखने के लिए कई लोग अपने-अपने घर की छत पर जुट गए तो कुछ लोगों ने बच्चों के साथ आसपास के मैदान में जाकर बड़े चांद को जी भरकर निहारा। बच्चे चमकीले चांद को 'चंदा मामा' कहकर पुकारने लगे।
उल्लेखनीय है कि चांद शनिवार से ही पृथ्वी के करीब आने लगा था। खगोलविदों का कहना है कि इस वर्ष 28 नवम्बर को भी चांद पृथ्वी के करीब आएगा उस समय चांद हमसे महज 406,349 किलोमीटर की दूरी पर होगा।