7 मई 2012
नई दिल्ली। रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी ने सोमवार को कहा कि भारतीय सेना की विशेष जरूरतों की पूर्ति के लिए टाट्रा ट्रक की खरीददारी की गई थी। लेकिन 2008 के बाद कम्पनी से एक भी वाहन नहीं खरीदा गया। रक्षा मंत्री ने प्रश्नकाल के दौरान लोकसभा में कहा, "भारत सरकार ने 1986 से 2012 तक टाट्रा से 6,500 वाहन खरीदे। इनमें से 1,950 वाहन विशेष परिस्थितियों के कारण टाट्रा से 1999 से 2002 के बीच खरीदे गए। ऐसा ऑपरेशन पराक्रम की जरूरतों के चलते किया गया।"
उन्होंने कहा कि सरकार ने 1997 में टाट्रा के साथ समझौते पर हस्ताक्षर करने का फैसला किया था। कम्पनी के साथ 2003 में फिर एक नया समझौता किया गया।
उन्होंने कहा, "सरकार सेना की जरूरतों के मुताबिक खरीददारी करती है और अपनी तरफ से कुछ भी नहीं थोपती है। सैन्य मुख्यालय जीएसक्यूआर (जेनरल स्टाफ क्वोलिटी रिक्वोयरमेंट्स) में बदलाव करना चाहती थी और उसने सरकार से कहा कि मौजूदा जीएसक्यूआर 1986 में तैयार किया गया था।"
उन्होंने कहा, "इसलिए 26 सितम्बर 2008 में रक्षा खरीद समिति (डीएसी) की बैठक में, जिसमें तीनों सेना प्रमुख शामिल हुए थे, जीएसक्यूआर को बदलने का फैसला किया गया। हमने नए जीएसक्यूआर के बाद टाट्रा से एक भी ट्रक नहीं खरीदा।"
उन्होंने कहा कि सरकार रक्षा खरीददारी का सम्पूर्ण बजट खर्च करती है। उन्होंने कहा, "पिछले साल हमने बजट का 99 फीसदी खर्च किया।"