12 मई 2012
मुम्बई। सार्वजनिक क्षेत्र की विमानन कम्पनी एयर इंडिया के पायलटों की अघोषित हड़ताल शनिवार को पांचवें दिन भी जारी रहने के कारण यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। शनिवार को एयर इंडिया ने यहां से मुम्बई-लंदन- मुम्बई, मुम्बई-रियाद-मुम्बई, मुम्बई-नेवार्क-मुम्बई और मुम्बई-दिल्ली-शंघाई-दिल्ली-मुम्बई उड़ानों को रद्द कर दिया। पायलट संघों और प्रबंधन के बीच विवाद के बने रहने के कारण कई घरेलू उड़ानों को रद्द किया गया है या फिर उनके समय में बदलाव किया गया है।
पायलटों के संघ इंडियन पायलट्स गिल्ड (आईपीजी) ने प्रबंधन पर अपने वादे से मुकरने का आरोप लगाते हुए नागर विमानन मंत्री अजित सिंह से वार्ता के दरवाजे खोलने को कहा है ताकि विवाद को सुलझाया जा सके।
पिछले चार दिनों में एयर इंडिया प्रबंधन ने 71 पायलटों को बर्खास्त करने के साथ आईपीजी के 11 पदाधिकारियों के लाइसेंस रद्द करने के लिए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय को पत्र लिखा है।
कम्पनी ने सोमवार से अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों को आंशिक तौर पर शुरू करने के लिए एक आकस्मिक योजना बनाई है।
मंगलवार को आईपीजी के सदस्य बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान को उड़ाने का प्रशिक्षण पूर्व विमानन कम्पनी इंडियन एयरलाइंस के पायलटों को देने के विरोध में सामूहिक रूप से चिकित्सा अवकाश पर चले गए थे।
एयर इंडिया ने पायलटों की इस अघोषित हड़ताल के विरोध में दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया था जहां अदालत ने हड़ताल को अवैध करार दिया। इसके बाद मामला सर्वोच्च न्यायालय पहुंचा जहां अदालत ने दोनों पक्षों को मतभेद सुलझाने का सुझाव देते हुए एयर इंडिया की अर्जी खारिज कर दी।