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अरुणाचल में नक्सलियों की संख्या नगण्य

12 मई 2012
 
ईटानगर। केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदम्बरम ने शनिवार को कहा कि अरुणाचल प्रदेश में नक्सलियों की उपस्थिति नगण्य है। लेकिन उन्होंने राज्य सरकार से कहा कि नक्सलियों पर दबाव बरकरार रखा जाए, ताकि वे राज्य में पैर न जमा सकें। चिदम्बरम ने मुख्यमंत्री नबम तुकी और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ राज्य की कानून-व्यवस्था पर बैठक करने के बाद संवाददाताओं से बातचीत की।

चिदम्बरम ने राज्यपाल जे.जे. सिंह से भी मुलाकात की। चिदम्बरम के साथ केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह व मंत्रालय के संयुक्त सचिव शम्भु सिंह भी दौरे पर हैं।

चिदम्बरम ने कहा, "असम-अरुणाचल सीमा पर नक्सलियों की उपस्थिति न के बराबर है। असम नक्सलियों के खिलाफ अपनी भूमिका निभा रहा है और मैंने अरुणाचल के मुख्यमंत्री से कहा है कि वह भी दबाव बनाए रखे।"

चिदम्बरम ने कहा, "नक्सली के रूप में पहचाने जाने वालों तथा नक्सलियों की मदद करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अरुणाचल प्रदेश एक शांतिपूर्ण राज्य है और इस क्षेत्र में नक्सलियों के पैर जामने का मौका मिलने का कोई कारण नहीं है।"

अशांत चांगलंग व तिरप जिलों पर चिदम्बरम ने कहा कि सरकार ने अधिक पुलिसकर्मियों की नियुक्ति करने और पुलिस अधोसंरचना में सुधार करने के लिए कदम उठाए हैं।

नागा भूमिगत गुटों के बीच गुटीय लड़ाइयों के बारे में पूछे जाने पर चिदम्बरम ने स्पष्ट किया कि अरुणाचल में कोई संघर्ष विराम समझौता नहीं हुआ है।

उन्होंने कहा, "राज्य सरकार और पुलिस से कहा गया है कि एनएससीएन (के) या एनएससीएन (आईएम) को अरुणाचल में नागरिक अधिकारों का उल्लंघन करते पाया जाए तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। नागा गुटों की आपसी लड़ाई एक अलग मुद्दा है।"

इसके पहले राजधानी ईटानगर पहुंचने पर मुख्यमंत्री नबम तुकी व एक अन्य मंत्री ने चिदम्बरम का स्वागत किया।


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