16 मई 2012
नई दिल्ली। जम्मू एवं कश्मीर के लद्दाख क्षेत्र स्थित कारगिल के इंडोर स्टेडियम में 19 से 20 मई तक 'अवाम का सिनेमा' नाम से कारिगल फिल्मोत्सव आयोजित किया जाएगा। यह आयोजन किसी सरकार या सेना की तरफ से नहीं हो रहा है, बल्कि इसे क्षेत्र के लोग देश के अन्य लोगों के साथ मिलकर कर रहे हैं। वर्ष 2006 में उत्तर प्रदेश के अयोध्या से शुरू हुआ 'अवाम का सिनेमा' का यह कारवां अब लद्दाख पहुंच रहा है। यह फिल्मोत्सव उन शहरों के लोगों के लिए शुरू किया गया है जो बिल्कुल भुला दिए गए हैं। जैसे कि कभी बागियों के घोड़ों की टापों से गूंजते रहने वाले चम्बल के बीहड़।
इन बीहड़ों और बागियों की पृष्टभूमि पर बनी फिल्मों ने खूब कमाई की, लेकिन अब वहां के लोगों को लगभग भुला दिया गया है। 'अवाम का सिनेमा' ने अयोध्या से पहले चम्बल के गांवों में ऐसे फिल्मोत्सव के जरिये वहां के लोगों को जोड़ने की कोशिश की।
राजस्थान का थार मरुस्थल भी फिल्मों में बार-बार दिखा है, लेकिन किसी फिल्मकार या फिल्म संगठन ने वहां फिल्मोत्सव आयोजित करने की जरूरत महसूस नहीं की। 'अवाम का सिनेमा' ने इसे एक जिम्मेदारी के तौर पर लिया है। यह फिल्मोत्सव अवाम के सहयोग से आयोजित होता आया है।