17 मई 2012
नई दिल्ली/मुम्बई। सरकारी विमानन कम्पनी एयर इंडिया के पायलटों की हड़ताल गुरुवार को 10वें दिन भी जारी रही। इसके साथ ही हड़ताल के कारण विमानन कम्पनी का नुकसान बढ़कर 188 करोड़ रुपये हो गया। एयर इंडिया के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस से कहा, "फिलहाल हम आपात योजना के तहत उड़ानों का संचालन कर रहे हैं। हमने यूरोप और अमेरिकी गंतव्यों की उड़ानों को मिलाकर एक कर दिया है।"
अधिकारी ने कहा, "टिकटें रद्द करने, कर्मचारियों के निष्क्रिय रहने और अधिकतर बोइंग 777 विमानों के खड़े रहने के कारण हमें 188 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।"
कम्पनी ने अंतर्राष्ट्रीय मार्गो पर ए320, ए321 और ए330 जैसे विमान लगा रखे हैं।
कम्पनी के 17 बोइंग 777 विमानों में से सिर्फ आठ का संचालन किया जा रहा है, जिसे इंडियन पायलट गिल्ड (आईपीजी) के हड़ताल करने वाले पायलट उड़ाते थे।
पिछले दिन कुछ पायलटों के काम पर लौट आने की खबर आई थी और कम्पनी के प्रबंधन ने कहा था कि कुछ और पायलट काम पर लौट सकते हैं। आईपीजी ने हालांकि इसे गलत बताया था।
आईपीजी के एक नेता ने काम पर लौटने वाले तीन पायलटों के बारे में कहा था, "एयर इंडिया जिन तीन पायलटों के बारे में बता रही है, उनका संघ से सम्बंध नहीं है और वे सभी परिवीक्षा पर हैं।"
पुरानी विमानन कम्पनी इंडियन एयरलाइंस के पायलटों को बोइंग-787 ड्रीमलाइनर का प्रशिक्षण उपलब्ध कराने के फैसले का विरोध करते हुए आईपीजी से सम्बंधित पायलट आठ मई को सामूहिक चिकित्सा अवकाश पर चले गए थे।