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हास्य शैली पसंदीदा है:राकेश बेदी

21 मई 2012
 
मुम्बई ।  फिल्म्स, टेलीविजन व रंगमंच की दुनिया में सक्रिय राकेश बेदी का कहना है कि 'देहली बेली' एक ऐसी फिल्म है, जिसने दर्शकों की सामूहिक चेतना को आंदोलित कर दिया। उन्होंने कहा कि हास्य शैली उनकी पसंदीदा है लेकिन उन्हें प्रयोग करना अच्छा लगता है।

बेदी ने मीडिया से कहा, "आज लोगों का दृष्टिकोण विस्तृत हुआ है। पहले जहां कुछ चीजों को लेकर लोग बुरा मान जाते थे, वहीं आज ऐसा नहीं है। 'देहली बेली' जैसी फिल्में लोगों के दिमाग को आंदोलित करती हैं और वे खुले ढंग से सोचना शुरू करते हैं। हम जिन चीजों को अंग्रेजी में स्वीकार कर लेते हैं उन्हें हिंदी में स्वीकारने से हिचकिचाते हैं। हम दोहरे मानदंड लागू करते हैं। ये फिल्में दर्शकों की सामूहिक चेतना को आंदोलित करती हैं।"

'चश्मे बद्दूर' सहित 150 से ज्यादा फिल्मों में अभिनय कर चुके बेदी ने 'श्रीराम श्रीमती' व 'येस बॉस' जैसे टीवी कार्यक्रमों में भी अभिनय किया है। उन्हें अब भी हास्य शैली ज्यादा पसंद है।

उन्होंने कहा, "मुझे दिल से हास्य फिल्में पसंद हैं। मुझे लोगों को हंसाना अच्छा लगता है। यह मेरी कमजोरी है लेकिन हमें प्रयोग करने पड़ते हैं। मैं एक रंगमंच अभिनेता हूं. मेरे लिए यह और भी चुनौतीपूर्ण है. मुझे कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। हास्य शैली में समय का ध्यान रखना बहुत महत्वपूर्ण है।"

वह सोनी पर प्रसारित शो 'शुभ विवाह' में एक पिता की गम्भीर भूमिका कर रहे हैं। लेकिन उन्हें लोगों को हंसाना ज्यादा पसंद है, इसलिए वह कवल शर्मा की आने वाली फिल्म 'देहली आई' में एक प्रोफेसर का किरदार कर रहे हैं। इस प्रोफेसर का पढ़ाने का तरीका मजाकिया है।

करीब 30 साल तक टेलीविजन व फिल्मोद्योग में संतुलन बनाकर काम करते रहे बेदी मानते हैं कि आज ये दोनों उद्योग आपस में मिल गए हैं।

उन्होंने कहा, "दोनों उद्योग एक-दूसरे पर निर्भर हैं। एक दूसरे के बिना नहीं रह सकता। यहां कहा जाता है कि यदि आप टीवी पर नहीं हैं, तो कहीं नहीं है। आपको अपनी फिल्म के प्रचार के लिए भी टीवी की आवश्यकता होती है। इसी तरह टीवी उद्योग को भी हमेशा फिल्मों की जरूरत रहती है।"

 


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