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संप्रग-2 की उपलब्धियां विशिष्ट : सोनिया

23 मई 2012

नई दिल्ली । संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पारदर्शी एवं जवाबदेह राजनीति पर जोर देते हुए मंगलवार को कहा कि देश ने इस सरकार को जो जिम्मेदारी सौंपी है उसके बारे में वह लगातार जागरूक है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पार्टी नेताओं एवं संप्रग के सहयोगी दलों की उपस्थिति में संप्रग सरकार की दूसरी पारी के तीन साल पूरे होने के अवसर पर वर्ष 2014 के आम चुनावों को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि समाज कल्याण की योजनाओं पर और खर्च सुनिश्चित करने के लिए हमें समावेशी आर्थिक विकास का अनुसरण करना होगा। उन्होंने संप्रग से आत्मप्रशंसा एवं निराशा से बचने के लिए कहा।

सोनिया से संप्रग के सहयोगी दलों से कहा कि वह सरकार के बारे में फैलाई जा रही नकारात्मक बातों को हावी होने न दें। उन्होंने कहा, "हम अपनी उपलब्धियों को नीचा दिखाने की अनुमति किसी को नहीं देंगे।"

उन्होंने कहा, "पिछले एक साल में हमने बहुत सी मुश्किलों का सामना किया है, संसद में और बाहर भी कई तूफान झेले हैं। लेकिन हमने हमेशा एक सामूहिक संकल्प और लक्ष्य का परिचय देने की कोशिश की है। हम अपनी सरकार की प्राथमिकताओं विधायी कार्यक्रम पर दृढ़ता से कायम रहे हैं। देश-वासियों ने हमें जो जिम्मेदारी सौंपी हैं, उनकी हमसे जो आशाएं हैं, उनके बारे में हम लगातार पूरती तरह जागरूक रहे हैं।"

"यूपीए-2 की उपलब्धियां विशिष्ट हैं। हम किसी को भी उन्हें कम करके दिखाने का अवसर नहीं देंगे। हमने जो कुछ किया है, प्रधानमंत्री जी ने वह अभी विस्तार से बता दिया है। इसलिए मैं उनमें से सिर्फ कुछ का ही जिक्र करूंगी। यूपीए-1 के जमाने में हमने जो तमाम नयी से नयी पहल की थी, उसे और दृढ़ किया है। महात्मा गांधी नरेगा ग्रामीण भारत में परिवर्तन का पहले से भी ज्यादा कारगर औजार बन गया है। असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को सामाजिक-सुरक्षा कार्यक्रमों और स्वास्थ्य बीमा योजनाओं का विस्तार हुआ है।"

उन्होंने कहा कि किसानों को दिए जाने वाले कर्ज की रकम ठोस तरीके से बढ़ाई गई है। आधार जैसी योजना के माध्यम से गरीबों को ज्यादा कारगर तरीके से फायदा पहुंचाने में मदद मिलेगी। इसके अलावा और बहुत कुछ है, जो पूरा किया जा चुका है।

उन्होंने कहा, "हमारे राजनीतिक विरोधी कुछ ज्यादा ही तेज बोलते हैं और आक्रमक हैं, अक्सर गैर-जिम्मेदाराना आरोप भी लगाते हैं। लेकिन हमने हमेशा मर्यादा, गरिमा और शालीनता का ध्यान रखा है। हमें इस बात का हमेशा सच्चाई के साथ एहसास रहा है कि लोगों ने हमें एक काम सौंपा है और हमको उसे परिश्रम के साथ, सही तरीके से करना है।"

सोनिया ने कहा, "हमें मालूम है कि अपने देशवासियों से नया जनादेश लेने में अब सिर्फ दो साल का समय बाकी है। हम अच्छी तरह जानते हैं कि उसका परिणाम हमारे वादों पर नहीं, बल्कि इस पर निर्भर करता है कि हमने कैसे काम किए हैं। यह एक ऐसा अवसर है, जब हमें लोगों की खुशहाली और प्रगति के लिए अपने संकल्प और समर्पण को एक बार फिर से दोहराना है।"


 


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