1 जून 2012
नई दिल्ली। सेना प्रमुख का पद सम्भालने के बाद पहले ही दिन जनरल बिक्रम सिंह ने शुक्रवार को सेना के सामने खड़ी कठिनाइयों के सम्बंध में सख्त संदेश दिया। इनमें संयुक्त राष्ट्र कांगो मिशन में तैनाती के दौरान यौन दुराचार सम्बंधी आरोप शामिल हैं। जनरल सिंह ने कहा कि ऐसे किसी भी विवाद को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा।
ब्रिकम सिंह ने यहां साउथ ब्लॉक लॉन में गार्ड ऑफ ऑनर के बाद संवाददाताओं से कहा कि उनकी प्राथमिकता सेना को धर्मनिरपेक्ष, गैरराजनीतिक बल बनाए रखने का होगी। बिक्रम सिंह दुनिया की इस दूसरी सबसे बड़ी सेना का प्रतिष्ठित पद सम्भालने वाले 27वें सेना प्रमुख हैं तथा 25 वें भारतीय हैं।
जनरल वी.के. सिंह से कार्यभार ग्रहण करने वाले बिक्रम सिंह ने कहा कि 11.30 लाख सैनिकों वाली इस सेना की सभी इकाइयां और इसके कमांडर इस संगठन की आंतरिक सेहत सुधारने के लिए काम करते हैं और यह प्रयास लगातार जारी रहेगा।
बिक्रम सिंह, सेना प्रमुख का पद सम्भालने वाले सिख समुदाय के दूसरे व्यक्ति हैं। उन्हें कई कठिनाइयों से उबरना है। इसमें एक कानूनी जंग भी शामिल है, जिसके कारण उन्हें सेना प्रमुख का पद सम्भालने से रोकने की कोशिश भी हुई थी।
बिक्रम सिंह, संयुक्त राष्ट्र कांगो मिशन के उप कमान अधिकारी थे, जब संयुक्त राष्ट्र के निगरानी दल ने भारतीय बलों पर स्थानीय महिलाओं के यौन शोषण में लिप्त होने का संकेत दिया था।
बिक्रम सिंह गुरुवार तक कोलकाता स्थित पूर्वी सैन्य कमान अधिकारी थे।