2 जून 2012
शिमला । हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा सोलन जिले में एक निजी फर्म को पर्यावरण को नुकसान पहुंचने के दृष्टिगत एक विद्युत संयंत्र को बंद करने का निर्देश दिए जाने के एक माह बाद इसी अदालत ने शुक्रवार को एक अन्य फर्म पर 100 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया।
एक पुनर्विचार याचिका पर विचार करते हुए न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजय करोल ने जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (जेएएल) से कहा कि वह कैप्टिव थर्मल पावर प्लांट (सीटीटीपी) के लिए आंशिक रूप से बने भवन में कोई संयंत्र न लगाए।
पर्यावरण सम्बंधी मामलों की खंडपीठ ने अपने फैसले में विद्युत संयंत्र के पास मौजूद सीमेंट संयंत्र के खिलाफ फैसला देते हुए जेएएल पर 100 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया।
अदालत ने जेएएल की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई 15 जून तक के लिए स्थगित कर दी है।