2 जून 2012
काहिरा। काहिरा की एक अदालत ने शनिवार को मिस्र के पूर्व राष्ट्रपति हुस्नी मुबारक को उम्रकैद की सजा सुनायी। अदालत ने उन्हें पिछले साल के विद्रोह के दौरान मारे गए प्रदर्शनकारियों की हत्याओं की साजिश रचने का दोषी बताया।
बीबीसी के मुताबिक 84 वर्षीय मुबारक साल 2011 में विभिन्न देशों में हुए विद्रोहों के बाद सजा पाने वाले पहले राष्ट्राध्यक्ष हैं। एक विशेष अदालत ने उन्हें 10 महीने की सुनवाई के बाद दोषी बताया है।
पूर्व गृह मंत्री हबीब अल-अदल को भी प्रदर्शनकारियों की मौतों के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई।
मुबारक व उनके दोनों बेटों गमाल व आला को भ्रष्टाचार के अलग-अलग मामलों में बरी कर दिया गया। आला व गमाल बरी किए जाने के बावजूद हिरासत में ही हैं।
फैसला सुनाए जाने के बाद अदालत में हंगामे और हाथापाई की स्थिति पैदा होने की वजह से न्यायाधीश ने सुनवाई स्थगित कर दी।
जब अदालत में फैसला सुनाया जा रहा था तो बाहर मौजूद विद्रोह में मारे गए लोगों के रिश्तेदारों के बीच खुशी का माहौल था। लेकिन उनकी यह खुशी तब जल्दी ही नाराजगी में तब्दील हो गई जब उन्हें पता चला कि पूर्व गृह मंत्री के सहयोगी को मामले में बरी कर दिया गया।
मिस्र पर 30 साल तक शासन करने वाले मुबारक को मौत की सजा दिए जाने की सम्भावना थी। वह पिछले साल हुए विद्रोह के दौरान मारे गए करीब 850 प्रदर्शनकारियों की हत्याओं के दोषी हैं।