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मुबारक को सुनाई गई सजा को दी जाएगी चुनौती

4 जून 2012

काहिरा। काहिरा की एक अदालत द्वारा मिस्र के पूर्व राष्ट्रपति होस्नी मुबारक, उनके दो बेटों, पूर्व आंतरिक सुरक्षा मंत्री और उनके छह सहयोगियों को सुनाई गई उम्रकैद की सजा के खिलाफ देश के महाअभियोजक अपील करेंगे। मिस्र के एक समाचार चैनल ने यह खबर रविवार को दी। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की खबर के मुताबिक महाअभियोजक ने हालांकि यह स्पष्ट नहीं किया है कि वह किसकी सजा के खिलाफ अपील करेंगे।

ज्ञात हो कि शनिवार को काहिरा की एक अदालत के न्यायाधीश अहमद रेफात ने मिस्र के पूर्व राष्ट्रपति होस्नी मुबारक और पूर्व आंतरिक सुरक्षा मंत्री हबीब अदली को उम्रकैद की सजा सुनाई। अदालत ने उन्हें पिछले साल के विद्रोह के दौरान मारे गए प्रदर्शनकारियों की हत्याओं की साजिश रचने का दोषी ठहराया।

रेफात ने अदली के छह सहायकों को हालांकि बरी कर दिया।

यह फैसला पिछले 10 महीनों के दौरान 49 बार हुए अदालत के सत्रों के बाद आया।

बीबीसी के मुताबिक 84 वर्षीय मुबारक साल 2011 में विभिन्न देशों में हुए विद्रोहों के बाद सजा पाने वाले पहले राष्ट्राध्यक्ष हैं।

भूमि सौदा से जुड़े एक मामले में मुबारक व उनके दोनों बेटों आला व गमाल तथा व्यवसायी हुसेन सालेम को बरी कर दिया गया। अदालत ने कहा कि यह 10 साल पुराना मामला है जिस पर कानूनी कार्रवाई का समय बीत चुका है। मुबारक को सत्ता के दुरुपयोग के एक अन्य मामले में भी बरी कर दिया गया।

जब अदालत में फैसला सुनाया जा रहा था तो बाहर मौजूद विद्रोह में मारे गए लोगों के रिश्तेदारों के बीच खुशी का माहौल था। लेकिन उनकी यह खुशी तब जल्दी ही नाराजगी में तब्दील हो गई जब उन्हें पता चला कि पूर्व गृह मंत्री के सहयोगियों को मामले में बरी कर दिया गया है।

मिस्र पर 30 साल तक शासन करने वाले मुबारक को मौत की सजा दिए जाने की सम्भावना थी। वह पिछले साल हुए विद्रोह के दौरान मारे गए करीब 850 प्रदर्शनकारियों की हत्याओं के दोषी हैं।

 


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