6 जून 2012
हैदराबाद। कारोबारी जगत की प्रतिनिधि संस्था भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने मंगलवार को देश के आर्थिक विकास के लिए 10 सूत्री एजेंडे का एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया और रियायत को घटाकर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के दो फीसदी तक लाने के विचार का समर्थन किया। परिसंघ ने साथ ही कहा कि पाकिस्तान के साथ व्यापार और निवेश को बढ़ाया जा सकता है। परिसंघ के राष्ट्रीय अधिवेशन के बाद यहां इसके अध्यक्ष आदि बी. गोदरेज ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि सीआईआई ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को जल्द से जल्द लागू करने का प्रस्ताव रखा और कहा कि इससे आर्थिक विकास दर में डेढ़ फीसदी तक का सुधार हो सकता है।
अधिवेशन में पेश प्रस्ताव में रेपो दर में 100 आधार अंकों की कटौती, नकद आरक्षित अनुपात में कटौती, उड्डयन क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की ऊपरी सीमा को और ऊपर करने, बहु ब्रांड खुदरा कारोबार में एफडीआई की अनुमति और मशीनों तथा संयंत्रों में निवेश की अवमूल्यन की गति को बढ़ाकर 25 फीसदी तक करने जैसे अन्य उपाय सीआईआई के प्रस्ताव में शामिल हैं।
गोदरेज ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, "सौभाग्य से महंगाई का दबाव कम हो रहा है। मौद्रिक प्रोत्साहन के लिए यह सही समय है।"
परिसंघ रियायत को घटाकर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के दो फीसदी तक लाने के विचार का समर्थन किया।
अधिवेशन में महसूस किया गया कि वित्तीय घाटा कम करने के लिए रियायत कम करना जरूरी है।
गोदरेज ने कहा कि सीआईआई आम बजट में सरकार के इस प्रस्ताव का समर्थन करता है कि रियायत को घटाकर जीडीपी के दो फीसदी तक लाना चाहिए।
उन्होंने कहा, "रियायत से संसाधन की बर्बादी बढ़ती है। यदि बिजली मुफ्त मिलेगी, तो इसकी बर्बादी हो सकती है।"
2जी और खनन घोटालों का नकारात्मक असर निवेश पर पड़ने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि परिसंघ ने शासन व्यवस्था में सुधार के लिए दो सुझाव दिए हैं।
सीआईआई ने भ्रष्टाचारियों को सजा दिए जाने के लिए लोकपाल कानून बनाने और ऐसी व्यवस्था अपनाने की सलाह दी, जिसमें मंजूरी के लिए हर मामले को अलग-अलग देखा जाना कम से कम हो, ताकि भ्रष्टाचार की गुंजाइश कम हो।
उन्होंने कहा, "काफी अच्छा रहेगा, यदि सरकार, कारोबार और जनता के बीच संवाद इंटरनेट के सहारे हो। सरकारी अधिकारियों और आम लोगों के बीच सम्पर्क को कम किया जाए। इससे भ्रष्टाचार कम होगा।"
गोदरेज ने यहां कहा कि पाकिस्तान के साथ व्यापार और निवेश को बढ़ाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि परिसंघ ने हाल ही में दो व्यापार प्रतिनिधि मंडल के पाकिस्तान और जापान भेजा था।
उन्होंने कहा, "पाकिस्तान के साथ व्यापार और निवेश बढ़ाना सम्भव है। पाकिस्तानी भी काफी अधिक इच्छुक हैं।"
गोदरेज ने कहा कि जापानी भी भारत में निवेश करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि परिसंघ देश में निवेश का माहौल बेहतर करने के लिए काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि अमेरिका, ब्रिटेन, लातिन अमेरिका और दुनिया के कई अन्य हिस्सों में भी प्रतिनिधिमंडल जल्द ही भेजे जाएंगे।