7 जून 2012
नई दिल्ली । प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बुधवार को कहा कि उनकी सरकार अवसंरचना क्षेत्र में मौजूद सभी बाधाओं को दूर करेगी और देश की अर्थव्यवस्था को पुन: पटरी पर लाने के लिए निवेश का वातावरण तैयार करेगी। प्रधानमंत्री ने उड्डयन, परिवहन, जहाजरानी एवं कोयला जैसे प्रमुख आधारभूत क्षेत्रों की समीक्षा करने के बाद कहा, "इस कठिन समय में हमें व्यापार एवं निवेश के माहौल को सुधारने के लिए सभी सम्भव प्रयास करने होंगे।"
उन्होंने कहा, "हम सभी इन महत्वपूर्ण सेक्टरों को सहायता देने की आवश्यकता से अवगत हैं और आज का यह क्रियाकलाप इस दिशा में हमारे प्रयास का ही एक अंग है। हमारी सरकार वर्तमान परिस्थितियों को पलटने एवं भारत की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए आवश्यक उपाय करने के लिए प्रतिबद्ध है।"
सिंह ने कहा, "हम सब इस तथ्य से अवगत हैं कि हमें इसे प्राप्त करने के लिए कई मोर्चो पर काम करना होगा।" उन्होंने मंत्रियों से योजना के क्रियान्वयन के लिए अतिरिक्त प्रयास करने के लिए कहा ताकि देश जल्द ही नौ फीसदी की वृद्धि दर प्राप्त कर सके।
यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब देश की अर्थव्यवस्था की विकास दर में पिछले नौ वर्षो की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई और अवसंरचना क्षेत्र में निराशाजनक वृद्धि दर्ज की गई। इसके अलावा मूलभूत उद्योगों (औद्योगिक सूचकांक में 37.90 फीसदी फिसदी) की वृद्धि दर अप्रैल में 2.2 फीसदी दर्ज की गई थी।
अवसंरचना क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या निवेश की है। लगभग सभी उद्योगों ने शिकायत की है कि घरेलू ब्याज दरें अत्यधिक ऊंची है और विदेश कर्ज प्राप्त करने में कठिनाई आती है।
भारत को बारहवीं पंचवर्षीय योजना (2012-17) के दौरान 1000 अरब रुपये से अधिक की निवेश की जरूरत पड़ेगी और सरकार इसका 50 फीसदी निजी क्षेत्र से आने की उम्मीद कर रही है।
प्रधानमंत्री ने सार्वजनिक निजी भागीदारी पर जोर देते हुए कहा, "सरकार अकेले इतना बड़ा निवेश नहीं कर सकती। इसलिए सार्वजनिक निजी भागीदारी के माध्यम से निजी क्षेत्र को जोड़ना जरूरी है।"