8 जून 2012
गाजियाबाद। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आरुषि-हेमराज दोहरे हत्याकांड मामले में शुक्रवार को तीन गवाह पेश किए।
इन गवाहों में उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन लिमिटेड के अधिशासी अभियंता, केंद्रीय फोरेंसिक लैब के एक वैज्ञानिक व 16-18 मई 2008 को आरुषि के घर में फिंगरप्रिंट्स की फोटो लेने वाला एक पुलिस फोटोग्राफर शामिल हैं।
अभियंता राजेश कुमार ने कहा कि उन्होंने सीबीआई की मांग पर एक पत्र दाखिल किया है, जिसमें पुष्टि की गई है कि 15 मई को आरुषि व हेमराज की हत्या की रात न तो बिजली आपूर्ति ठप्प पड़ी थी और न ही इसे बंद किया गया था।
बचाव पक्ष के वकील ने फोटोग्राफर चुन्नी लाल का यह कहकर विरोध किया कि गवाहों की सूची में उनका नाम नहीं है।
इससे पहले अदालत ने राजेश व नुपूर तलवार पर आरुषि व हेमराज की हत्या के सबूत मिटाने का आरोप लगाया था।
राजेश तलवार पर पुलिस को अपराध के बारे में गुमराह करने का भी आरोप लगाया गया है।