8 जून 2012
नई दिल्ली। निर्देशक दिबाकर बनर्जी कहते हैं कि आपको नई उपलब्धियां हासिल करने के लिए नए विचारों पर ध्यान देना होगा। उन्होंने अपनी फिल्म 'शंघाई' में ऐसा ही किया। दिबाकर ने खुलासा किया कि उन्होंने अपनी फिल्म को पहले ही लाभदायक उद्यम बना लिया था। दिबाकर ने एक साक्षात्कार में कहा, "हमने निर्माण की लागत कम रखी और हमने विपणन का काम समझदारी के साथ किया। आज हमने केवल थियेटरों में ही फिल्म के प्रदर्शन से 4.75 करोड़ रुपये का व्यवसाय कर लिया है और लाभ में हैं।" दिबाकर ने 10.5 करोड़ रुपये की लागत से इस फिल्म का निर्माण किया।
'ओय लकी! लकी ओय!' व 'लव सेक्स और धोखा' जैसी फिल्मों में कहानी कहने की नई तकनीक पेश कर चुके दिबाकर ने कहा, "जब तक आप अपने सुविधाजनक स्तर से बाहर नहीं निकलेंगे और कुछ नया नहीं करेंगे, तब तक आप नए कीर्तिमान स्थापित नहीं कर सकेंगे, नई फिल्में पेश नहीं कर सकेंगे और नए सितारे पेश नहीं कर सकेंगे।"
जब कम बजट में अच्छी फिल्में सम्भव हैं, तो लोग बड़े बजट की फिल्में क्यों बनाते हैं, पूछने पर दिबाकर ने कहा, "यह फिल्म के विषय, उसमें काम करने वाले लोगों, फॉरमेट व इस बात पर निर्भर करता है कि आप उनसे कितना व्यवसाय कर सकते हैं। मैं बीते 15 साल से फिल्में व विज्ञापन फिल्में बना रहा हूं। ऐसा कोई काम नहीं है जो मैंने न किया हो। मैं सड़क के बीचोंबीच खड़ा हुआ हूं और फिल्म की शूटिंग के लिए यातायात नियंत्रित किया है। मैंने सैट पर सही रंग के लिए दीवारें खुद पेंट की हैं। मैंने प्रत्येक फिल्म अपनी साथी तेजस्विनी के साथ खुद बनाई है। कोई मुझे यह नहीं बता सकता कि लागत में कैसे कटौती की जा सकती है और इसके बाद उतने पैसे में अच्छी फिल्म कैसे दी जा सकती है।"
'शंघाई' में अभय देओल व इमरान हाशमी ने अभिनय किया है। फिल्म गठबंधन की राजनीति के तमाशे पर आधारित है।