11 जून 2012
श्रीनगर। कश्मीर घाटी में श्रीनगर सहित अन्य हिस्सों में सोमवार को अलगाववादियों के बंद का असर दिखा। दुकानें, शैक्षिक संस्थान व व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे। कट्टरपंथी अलगाववादी नेता सैयद अली गिलानी ने बंद का आह्वान किया था।
हुर्रियत कांफ्रेंस के कट्टरपंथी धड़े के अध्यक्ष गिलानी ने 2010 की गर्मियों के दौरान जारी संघर्ष में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ों में मारे गए लोगों की याद में पूरी कश्मीर घाटी में बंद का आह्वान किया था।
साल 2010 में सुरक्षा बलों व पत्थराव, आगजनी व सार्वजनिक सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाती उपद्रवी भीड़ के बीच हुई हिंसक मुठभेड़ों में 210 लोग मारे गए थे।
गिलानी ने मारे गए लोगों की याद में 'शहीद स्मरण सप्ताह' मनाने के लिए कहा था।
श्रीनगर व अन्य प्रमुख शहरों में दुकानें बंद रहीं और परिवहन के सार्वजनिक वाहन नहीं दिखे। सड़कें खाली रहीं लेकिन कुछ निजी वाहर जरूर नजर आए।
बारामूला, कुपवाड़ा, बांदीपोरा, गांदेरबल व कुलगाम सहित घाटी के अन्य हिस्सों में जनजीवन प्रभावित रहा।
बंद को कश्मीरी आतंकवादी समूह हिजबुल मुजाहिदीन का भी समर्थन प्राप्त था।
दंगों की आशंका से श्रीनगर व कश्मीर घाटी के अन्य हिस्सों में पुलिस व केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की भारी तैनाती की गई है।
वैसे पर्यटकों को सोनमर्ग, गुलमर्ग व पहलगाम ले जाने वाले वाहन अप्रभावित रहे।