11 जून 2012
हैदराबाद। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने अवैध सम्पति मामले में जेल में बंद सांसद वाई.एस. जगनमोहन रेड्डी की नार्को जांच के लिए विशेष सीबीआई अदालत से अनुमति मांगी। सोमवार को जब जगन अदालत में पेश हुए और उनकी न्यायिक हिरासत 25 जून तक बढ़ा दी गई तब सीबीआई ने उनकी नार्को जांच की अनुमति के लिए याचिका दायर की।
जांच एजेंसी ने अपनी याचिका में कहा कि मामले की जांच को आगे बढ़ाने के लिए आरोपी की नार्को जांच की जरूरत है।
जगन के वकील ने हालांकि सीबीआई की याचिका का विरोध किया और दलील दी कि नार्को जांच पर सर्वोच्च न्यायालय के दिशानिर्देशों को ध्यान में रखते हुए इस मांग को अदालत की अवमानना के रूप में लिया जाए।
उन्होंने कहा कि सीबीआई ने जगन पर दबाव बनाने के लिए जानबूझकर यह याचिका दायर की है, क्योंकि उसने ऐसी ही याचिका विजय साई रेड्डी की नार्को जांच के लिए दायर की थी जो खारिज हो चुकी है।
न्यायाधीश ने जगन के वकील से सीबीआई की याचिका के जवाब में एक याचिका दायर करने को कहा और सुनवाई 14 जून तक के लिए स्थगित कर दी।
ज्ञात हो विशेष अदालत ने फरवरी में जगन के सहयोगी विजय साई रेड्डी की नार्को जांच के लिए अनुमति देने से इंकार कर दिया था। विजय साई इस मामले के नम्बर दो आरोपी हैं।
27 मई को गिरफ्तार करने से पहले सीबीआई ने जगन से लगातार तीन दिन पूछताछ की थी और न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के बाद फिर सात दिन तक पूछताछ की। इस दौरान जांच एजेंसी ने महसूस किया कि जगन से सच्चाई जाहिर करवाना आसान नहीं है।
पिछले हफ्ते जांच एजेंसी ने दो दिन की हिरासत की मांग करते हुए उच्च न्यायालय से कहा था कि पांच दिन की हिरासत के दौरान जगन ने उसके सवालों के गोल-मटोल जवाब दिए।
समझा जाता है कि जांच एजेंसी ने जगन की फर्मो में उन कम्पनियों द्वारा किए गए निवेश के बारे में पूछताछ की थी जिन्हें उनके पिता वाई.एस. राजशेखर रेड्डी की तत्कालीन सरकार ने लाभ पहुंचाया था।
जगन से उनके व्यवयाय में हवाला के जरिए किए गए निवेश के बारे में भी पूछताछ की गई।