12 जून 2012
भुवनेश्वर । ओडिशा के पुरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर से निकलने वाली वार्षिक रथयात्रा की तैयारियां जोरों पर है। लगभग 77 कारीगर रथ को तैयार करने और सजाने में दिन-रात जुटे हुए हैं। इस रथ में बंधी रस्सी को भक्त हाथों से खींचते हैं और लम्बी शोभायात्रा निकलती है। नौ दिन का यह उत्सव 21 जून को शुरू होगा। तीन अलग-अलग रथों में तीन देवी-देवताओं जगन्नाथ, उनके बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की मूर्तियां रखी जाती हैं। 12वीं शताब्दी में बने जगन्नाथ मंदिर से रथों को तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित गुंडिचा मंदिर ले जाया जाता है।
इस वार्षिक रथयात्रा में प्रतिवर्ष लगभग 10 लाख भक्त शामिल होते हैं। रथ पर रखी देवी-देवताओं की मूर्तियों की एक झलक पाने को वे शुभ मानते हैं। वे मंत्रोच्चारण के बीच रथ की रस्सी को खींचते हैं।
नौ दिन बाद रथ की वापसी होती है जिसे 'बहुदा जात्रा' कहते हैं। यह आयोजन इस वर्ष 29 जून को किया जाएगा।