12 जून 2012
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने मंगलवार को जारी औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के ताजा आंकड़ों पर निराशा जताई लेकिन कहा कि सरकार अर्थव्यवस्था में तेजी लाने और निवेश का माहौल बनाने के लिए वचनबद्ध है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की एक बैठक को सम्बोधित करते हुए मुखर्जी ने कहा, "मुझे निराशा है .. हमें कुछ ऐसे कदम उठाने होंगे, जिससे सकारात्मक संकेत सामने आए। कुछ कदम उठा लिए गए हैं।"
उन्होंने कहा कि सरकार ने डेट फंड और विदेशी वाणिज्यिक ऋण के नियमों में ढिलाई के जरिए लम्बी अवधि की आधारभूत संरचना में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए कदम उठाए हैं।
उन्होंने कहा कि वित्तीय प्रबंधन को वरीयता दी जाएगी, लेकिन नियमित रूप से शुल्कों में भी संशोधन किया जाएगा।
मंगलवार को जारी आधिकारिक आंकड़े के मुताबिक देश के औद्योगिक उत्पादन में अप्रैल माह में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 0.1 फीसदी की मामूली वृद्धि रही। इस अवधि में खनन क्षेत्र में गिरावट रही।
मार्च में औद्योगिक उत्पादन में 3.5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी।
औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में फरवरी माह में 4.1 फीसदी की वृद्धि रही थी।
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी आंकड़े के मुताबिक कारोबारी साल 2011-12 के लिए औद्योगिक उत्पादन वृद्धि दर 2.8 फीसदी रही, जो इससे पिछले वर्ष 8.2 फीसदी थी।
आलोच्य अवधि में खनन क्षेत्र में 3.1 फीसदी की गिरावट रही, जबकि विनिर्माण क्षेत्र में 0.1 फीसदी वृद्धि रही। बिजली क्षेत्र में हालांकि 4.6 फीसदी वृद्धि रही।