HindiLok Mobile edition
मुख्य पृष्ठ | राशिफल | खेल | बॉलीवुड

भ्रष्टाचार व खनन के सवालों पर असहज हुए शिवराज

13 जून 2012

भोपाल। भ्रष्टाचार और अवैध खनन के खिलाफ पूरी दमदारी से लड़ाई लड़ने का दावा करने वाले मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पहली दफा इन दोनों ही मुद्दों पर असहज नजर आए। एक अधिकारी की खनन पर आई रिपोर्ट और उनकी सरकार के एक मंत्री पर लगे रिश्वत के आरोप इसकी वजह है।

केंद्र सरकार द्वारा उर्वरकों की कीमतों में की गई मूल्यवृद्धि के खिलाफ बुलाए गए संवाददाता सम्मेलन में पूछे गए खनन व भ्रष्टाचार से जुड़े सवालों ने चौहान को मुसीबत में डाल दिया। मुख्यमंत्री चौहान से जब पूछा गया कि उनकी सरकार के एक मंत्री पर 15 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने का आरोप लगा है और आयकर विभाग ने अपनी रिपोर्ट में भी ऐसा ही माना है, तब वह चुप्पी साधे रहे।

चौहान से जब एक अन्य सवाल किया गया कि हाल ही में एक वन अधिकारी ने रिपोर्ट तैयार की है, जिसमें कहा गया है कि ग्वालियर चंबल संभाग में कई हजार करोड़ रुपये का अवैध खनन हुआ है, इस पर उनका क्या कहना है, तब शिवराज के माथे पर सिलवटें आ गईं।

इन सवालों पर चौहान ने सीधा जवाव नहीं दिया। उन्होंने इतना जरूर कहा कि दोनों मामलों पर संबंधित मंत्री अपना पक्ष रख चुके हैं।

इसी दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष प्रभात झा ने हस्तक्षेप किया और कहा कि मंत्री के रिश्वत लेने का मामला अदालत में विचाराधीन है, लिहाजा इस पर किसी तरह की टिप्पणी करना ठीक नहीं है।

ज्ञात हो कि चौहान देश के पहले ऐसे मुख्यमंत्री है जिन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ जोर-शोर से आवाज उठाई थी। इतना ही नहीं, राज्य में भ्रष्टाचार के मामलों के निपटारे के लिए विशेष न्यायालयों तक का गठन किया गया है। राज्य सरकार ने आय से अधिक अर्जित की गई संपत्ति को राजसात करने का प्रावधान भी किया है। कई अफसरों की संपत्ति राजसात करने की कार्रवाई भी की गई है।

एक तरफ मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम छेड़ रखी है और दूसरी ओर उनकी ही सरकार का मंत्री रिश्वत के आरोप में फंस रहा है, यह स्थिति उनके लिए अच्छी नहीं है। चौहान असहज इसलिए भी हो गए, क्योंकि जिस मंत्री पर रिश्वत का आरोप लगा है, वह संवाददाता सम्मेलन में मौजूद थे।


 


Home | About Us | Feedback | Privacy Policy | Terms