20 जून 2012
मेक्सिको। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मंगलवार को यूरोजोन के देशों की मदद के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) का कोष में वृद्धि किए जाने के प्रयास का स्वागत किया, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि भारत जैसे देशों के मताधिकार बढ़ाने को लेकर प्रगति बहुत धीमी है।
प्रधानमंत्री ने जी-20 शिखर सम्मेलन के दूसरे सामान्य सत्र में कहा, "मैं कहना चाहूंगा कि कोटा सुधार में प्रगति की रफ्तार संसाधन बढ़ाने की रफ्तार से बहुत धीमी है।"
प्रधानमंत्री ने कहा, "मैं मानता हूं कि यहां कई व्यावहारिक कारण हैं, जिनके चलते जिस कोटा सुधार पर 2010 में सहमति बनी थी, वह 2012 के अंत तक पूरा नहीं हो पाएगा। लेकिन बाद में इसे हर हाल में तेजी के साथ पूरा किया जाए।"
मनमोहन सिंह ने कहा, "यह भी महत्वपूर्ण है कि जनवरी 2013 में होने वाली कोटा समीक्षा समय के भीतर पूरी हो जाए। कोटा में आर्थिक महत्व एक ऐसे तरीके से जाहिर होना चाहिए जो सहज और पारदर्शी हो।"
ज्ञात हो कि भारत ने आईएमएफ को 10 अरब डॉलर के योगदान की सोमवार को घोषणा की है। लेकिन भारत यह भी चाहता है कि कोटा, क्रय शक्ति के आधार तय किया जाए। कोटा यह तय करता है कि प्रत्येक देश आईएमएफ से कितना धन ले सकता है।
प्रधानमंत्री ने कहा, "इस बुनियादी रुख के साथ किसी भी तरह से समझौता नहीं किया जाना चाहिए और हमें अपने रुख को मजबूती के साथ दोहराने की जरूरत है।"