22 जून 2012
मुम्बई। महाराष्ट्र मंत्रालय में अग्निकांड की घटना के अगले दिन शुक्रवार को राज्य के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने हालात का जायजा लिया और कहा कि सचिवालय में कामकाज जल्द से जल्द सामान्य करने के सभी प्रयास किए जाएंगे।
चव्हाण ने हादसे में पांच लोगों के मारे जाने पर भी दुख जताया। इन पांचों लोगों के शव गुरुवार को व शुक्रवार सुबह मंत्रालय की इमारत से मिले।
विधान भवन में मंत्रालय की एक बैठक के बाद चव्हाण ने संवाददाताओं से कहा कि वे स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं, सचिवालय कामकाज के लिए वैकल्पिक व्यवस्थाएं कर रहे हैं और सुरक्षा व्यवस्था पर नजर रखे हुए हैं।
मंत्रालय की छह मंजिला इमारत के ऊपर के चार तल गुरुवार को हुए इस अग्निकांड की चपेट में आ गए थे।
चव्हाण ने घोषणा की कि इमारत के ढांचे का आकलन पूरा होने तक किसी को भी उसमें प्रवेश की इजाजत नहीं दी जाएगी।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि जब तक अग्निशमन विभाग इमारत के ढांचे का आकलन पूरा नहीं कर लेता और इमारत को सुरक्षित करार नहीं दिया जाता तब तक कोई भी मंत्रालय में प्रवेश नहीं कर सकेगा।
वैसे शुक्रवार सुबह कुछ मंत्री अग्निकांड से उनके कार्यालयों को पहुंचे नुकसान का जायजा लेने के लिए मंत्रालय पहुंचे थे।
शुक्रवार सुबह सैकड़ों कर्मचारी मंत्रालय में कामकाज के लिए पहुंचे थे लेकिन उन्हें सुरक्षा कारणों से अंदर प्रवेश नहीं करने दिया गया।
मंत्रियों व कुछ अधिकारियों ने वैकल्पिक कार्यालयों से कामकाज शुरू कर दिया है।
मंत्रालय की चौथी मंजिल पर 411 नंबर कमरे में गुरुवार की दोपहर 2.40 बजे आग लगी थी, जो तेजी से सभी जगह फैल गई। दक्षिण मुम्बई में स्थित मंत्रालय की छह मंजिला इमारत की ऊपर की तीन मंजिलें आग की चपेट में आ गईं।
इस भीषण अग्निकांड में अब तक कम से कम पांच लोगों की मौत की पुष्टि हुई है।
सुरक्षा सम्बंधी चिंताओं पर चव्हाण ने कहा कि मंत्रालय दो दिन के लिए बंद रहेगा और सोमवार को दोबारा खुलेगा।
उन्होंने कहा, "इमारत की जांच की जा रही है। अग्निकांड से ऊपर की मंजिलें बहुत कमजोर हो गई हैं और उनके ढहने का खतरा है। इसलिए किसी को भी वहां प्रवेश की इजाजत देना जोखिमभरा है।"