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मेरा ध्यान विश्व सुंदरी के खिताब पर : वन्या

23 जून 2012

नई दिल्ली। हिमांगिनी सिंह यदु बीते 12 वर्षो में 'मिस एशिया पेसिफिक' खिताब जीतने वाली पहली भारतीय युवती है और विश्व सुंदरी प्रतियोगिता के लिए तैयारी कर रही वन्या मिश्रा का कहना है कि यह देश के लिए गर्व का पल है। उन्हें उम्मीद है कि वह भी इस बार विश्व सुंदरी का खिताब जीतेंगी।

पैंटालूंस फेमिना मिस इंडिया वर्ल्ड 2012 का खिताब अपने नाम कर चुकी वन्या ने हिमांगिनी की जीत पर कहा, "अंतर्राष्ट्रीय आयोजनों में प्रत्येक जीत भारत के लिए गर्व का पल होता है। अभी मेरा सारा ध्यान विश्व सुंदरी के खिताब पर है और मुझे उम्मीद है कि इसे जीतकर मैं लाखों दिलों को जीत लूंगी।"

चण्डीगढ़ की रहने वाली वन्या इंजीनियरिंग में स्नातक हैं और इस वक्त चीन में 18 अगस्त को आयोजित होने वाली प्रतियोगिता पर अपना ध्यान केंद्रित कर रही है।

उन्होंने कहा, "तैयारियां पूरे जोरों हैं। आपको अन्य देशों के प्रतिनिधियों से मुकाबला करने के लिए ऊपर से नीचे तक तैयार किया जाता है। मैं निश्चित तौर पर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करूंगी।"

वर्ष 2000 में प्रियंका चोपड़ा ने विश्व सुंदरी का खिताब जीता था और उसके 12 वर्षो बाद एक अन्य अंतराष्ट्रीय खिताब भारत आया है।

वन्या ने बताया, "लोग घर पर बैठकर अपने अनुमान लगाते रहते हैं। यह कहना बहुत आसान है कि लड़की ने मंच पर अच्छा प्रदर्शन नहीं किया। इतनी प्रतिनिधियों से मुकाबला करने के लिए बहुत हिम्मत की जरूरत होती है।"

वन्या (19 वर्ष) ने यह भी कहा, "हारने का अर्थ यह नहीं है कि पूर्व मिस इंडिया विजेता सुंदर नहीं थी, लेकिन आखिर में एक ही विजेता चुनी जाती है और उसके अलावा हर कोई पीछे छूट जाती है।"

इस वक्त काफी सारी सुंदरियां बॉलीवुड में काम कर रही है लेकिन वन्या समझती है कि सौंदर्य प्रतियोगिता जैसा मंच अन्य रास्ते भी खोल देता है।

उन्होंने कहा, "यह प्रतियोगिता अन्य रास्ते भी खोल देती है क्योंकि यह ऐसा मंच है, जिसे पूरी दुनिया देखती है लेकिन मैं निश्चित तौर पर कहना चाहूंगी कि सौन्दर्य प्रतियोगिताएं केवल बॉलीवुड में प्रवेश के लिए नहीं होती।"

वैसे वन्या की अभी बॉलीवुड में जाने की कोई योजना नहीं है।

 


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