25 जून 2012
श्रीनगर। जम्मू एवं कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में सोमवार को संत पीर दस्तगीर साहिब की दरगाह के आग की चपेट में आ जाने के बाद से तनाव की स्थिति है।
पुराने शहर में पथराव करती भीड़ और सुरक्षा बलों के बीच झड़पे हुईं। इसके बाद अधिकारियों को पूरे शहर में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी।
पत्थराव में तीन लोग घायल हुए हैं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि भीड़ की हिंसा के बाद पुराने शहर में यातायात मार्ग बदला गया है। पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस व लाठीचार्ज का इस्तेमाल करना पड़ा।
भीड़ ने खानयार पुलिस थाने पर भी पत्थराव किया। इसी थाना क्षेत्र में पीर दस्तगीर साहिब की दरगाह है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं।
अग्निशमन विभाग के एक अधिकारी ने बताया, "पीर दस्तगीर साहिब दरगाह में सोमवार सुबह 6.30 बजे के आसपास आग लगी।"
दमकल की गाड़ियां तुरंत घटना स्थल पर पहुंच गई थीं। दो शताब्दी पुरानी यह दरगाह वास्तुशिल्प का अनूठा उदाहरण है। दरगाह का ज्यादातर हिस्सा लकड़ी का बना हुआ है, जो खान्तामबंद और लकड़ी की कारीगरी से सुसज्जित है।
आग लगने से नजदीक की एक निर्माणाधीन इमारत को भी नुकसान पहुंचा है। वैसे अब आग पर काबू पा लिया गया है।
ग्यारहवीं शताब्दी के इस संत के प्रति कश्मीर के सभी धर्मावलम्बियों की श्रद्धा है। मुसलमान जहां इन्हें संत गौस-ए-आजम कहते हैं, तो हिंदू काहनूव संत कहते हैं।