25 जून 2012
नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली विश्वविद्यालय के अधीन चार अल्पसंख्यक कॉलेजों को शैक्षणिक वर्ष 2012-13 के लिए 27 फीसदी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आरक्षण के दायरे से अलग रखने का फैसला सुनाया।
कॉलेजों के समूह की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने यह फैसला सुनाया। याचिका में अल्पसंख्यक संस्थान होने के नाते इन्हें 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण के दायरे से अलग रखने की अपील की गई थी।
अदालत ने इन कॉलेजों से कहा कि वे विश्वविद्यालय के नियमों के मुताबिक अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के छात्रों को आरक्षण मुहैया कराए लेकिन वे ओबीसी आरक्षण देने को बाध्य नहीं होंगे।
न्यायमूर्ति वी. के. जैन और न्यायमूर्ति प्रतिभा रानी की खंडपीठ ने कहा, "29 मई 2012 के आदेश को हम संशोधित कर रहे हैं और इसके तहत याचिका दाखिल करने वाले कॉलेज 2012-13 के लिए विश्वविद्यालय के नियमों के मुताबिक अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के छात्रों को आरक्षण दें लेकिन वे ओबीसी आरक्षण के लिए बाध्य नहीं होंगे।"