26 जून 2012
श्रीनगर। जम्मू एवं कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर के पुराने शहर में मंगलवार को अघोषित कर्फ्यू जैसे प्रतिबंध लगा दिए गए हैं। शहर के खानयार इलाके में शेख अब्दुल कादिर जीलानी की दरगाह के आग में स्वाहा हो जाने के बाद यहां उपजे तनाव को ध्यान में रखते हुए ये प्रतिबंध लगाए गए हैं। वैसे इसकी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। पुराने शहर के खानयार, रैनावरी, नोवहाटा, एस.आर. गुंज और सफकदल पुलिस थाना क्षेत्रों में पुलिस व अर्धसैनिक केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की तैनाती की गई है। यहां वाहनों की आवाजाही रोक दी गई है और लोगों को पैदल भी नहीं निकलने दिया जा रहा है।
मुख्य शहर से दूरदराज के इलाकों में प्रतिबंध कड़ाई से लागू नहीं किए गए हैं। वैसे किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचने के लिए सुरक्षा बलों की भारी संख्या में तैनाती की गई है।
सोमवार को दरगाह के आग की चपेट में आने के बाद इलाके में तनाव की स्थिति पैदा हो गई थी। इसके बाद प्रतिबंध लगा दिए गए थे।
दरगाह में आग लगने से नाराज प्रदर्शनकारियों ने सोमवार को खानयार क्षेत्र में पत्थरबाजी की और पुलिस के साथ मुठभेड़ की। इस सब में 20 लोग घायल हुए थे। इस क्षेत्र में दिनभर पुलिस व प्रदर्शनकारियों के बीच मुठभेड़ जारी रही।
श्रीनगर में सुबह के समय बंद जैसी स्थिति थी। दुकानें व अन्य व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे, शैक्षिक संस्थान भी नहीं खुले और परिवहन के सार्वजनिक साधन भी नहीं दिखे।
हुर्रियत कांफ्रेंस के दोनों धड़ों ने मंगलवार को पूरी कश्मीर घाटी में बंद का आह्वान किया था।
अन्य जिला मुख्यालयों से आई खबरों में भी बंद का असर होने की बात कही गई है।
वैसे बंद का हर साल होने वाली अमरनाथ यात्रा पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। सैकड़ों तीर्थयात्रियों को लेकर पहलगाम व बालटाल आधार शिविरों को जाने वाले सैकड़ों वाहन सामान्य रूप से चल रहे हैं।