27 जून 2012
वाशिंगटन। संदिग्ध आतंकवादी अबु जिंदाल की भारत में गिरफ्तारी से 26/11 के मुम्बई हमले में पाकिस्तान की भूमिका उजागर होने की बात कहते हुए एक अमेरिकी विशेषज्ञ ने पाकिस्तानी सरकार से इस आतंकवादी घटना में शामिल सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा है।
कंजरवेटिव थिंक टैंक हेरिटेज फाउंडेशन की दक्षिण एशिया मामलों की वरिष्ठ शोधार्थी लीसा कर्टिस ने मंगलवार को लिखा कि जिंदाल ने कथिततौर पर स्वीकार किया है कि उसने जिस कमरे से आतंकवादियों को निर्देश दिए थे, उस कमरे में पाकिस्तानी खुफिया अधिकारी मौजूद थे।
उन्होंने कहा, "यदि यह सही है तो ये आरोप पहले से कमजोर चल रहे अमेरिका-पाकिस्तान रिश्तों को और भी कमजोर करेंगे और इससे वैश्विक स्तर पर पाकिस्तान की छवि और खराब होगी।" उन्होंने सम्भावना जतायी कि अमेरिका ने जिंदल का पता लगाने में भारत की मदद की और वह उसके भारत को प्रत्यर्पण के लिए सउदी पर दबाव भी बना सकता है।
26/11 के संदिग्धों की जांच व उन पर मुकदमा चलाए जाने से पाकिस्तानी सरकार के पीछे हटने पर कर्टिस ने कहा, "पाकिस्तान को मुम्बई हमले में शामिल हर व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। यहां तक कि उसे उन खुफिया अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई करनी चाहिए, जिन्हें इसकी जानकारी थी।"
उन्होंने कहा, "पाकिस्तान ऐसा करे नहीं तो वह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर और अलग-थलग पड़ जाएगा और उसे अछूत देश समझा जाएगा।"
इस बीच अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता विक्टोरिया नूलैंड ने मंगलवार को मुम्बई हमले के साजिशकर्ताओं को न्याय दिलाने के भारतीय प्रयासों को अमेरिकी सहयोग देने की बात दोहराई थी।
उन्होंने कहा, "हमें इस बात की जानकारी है कि मुम्बई में हुए 2008 के आतंकवादी हमले के एक संदिग्ध साजिशकर्ता की गिरफ्तारी हुई है। हम चाहते हैं कि सभी संदिग्धों की गिरफ्तारी हो, उन पर मुकदमे चलें और उन्हें सजा मिले। हम इसके लिए सहयोग करने के लिए तैयार हैं।" नूलैंड ने कहा कि मुम्बई हमले में उनके देश के छह नागरिक भी मारे गए थे।