28 जून 2012
भोपाल। भोपाल में बुधवार को गैस पीड़ितों ने कफन ओढ़कर डाओ केमिकल्स को लंदन ओलम्पिक का प्रायोजक बनाए जाने का विरोध किया। प्रदर्शन में शामिल लोगों का कहना था कि उनका यह प्रदर्शन लंदन में ओलम्पिक खेलों के आयोजकों को यह याद दिलाने के लिए है कि डाओ केमिकल की प्रायोजकता खारिज करने को उनके पास मात्र एक माह का समय रह गया है।
प्रदर्शन का आयोजन करने वाले पांच संगठनों- गैस पीड़ित महिला स्टेशनरी कर्मचारी संगठन, भोपाल गैस पीड़ित निराश्रित पेंशन भोगी संघर्ष मोर्चा, भोपाल गैस पीड़ित महिला पुरुष संघर्ष मोर्चा और भोपाल ग्रुप फॉर इंफॉर्मेशन एंड एक्शन के नेताओं ने कहा कि ब्रिटेन की राजधानी लंदन में, अमेरिका के बर्कले एवं बोस्टन में तथा कनाडा के सेंट कैथरींस में इसी तरह के प्रदर्शन आयोजित किए जा रहे हैं।
प्रदर्शन के आयोजकों में से एक सतीनाथ षडंगी ने कहा कि ओलम्पिक खेलों का प्रायोजक बनकर डाओ केमिकल भोपाल के साथ-साथ वियतनाम, निकारगुआ, दक्षिण अफ्रीका, न्यूजीलैंड और अमेरिका सहित विश्व के अन्य देशों के लोगों पर किए जा रहे अपराधों पर पर्दा डालने का प्रयास कर रही है।
भोपाल में यूनियन कार्बाइड की कम्पनी में दिसम्बर 1984 में जहरीली गैस के रिसाव के कारण दो हजार से अधिक लोग मारे गए थे और बड़ी संख्या में लोग अभी भी इसके अभिशाप को झेल रहे हैं। डाओ केमिकल ने बाद में यूनियन कार्बाइड को खरीद लिया था।