30 जून 2012
मस्को। शनि ग्रह के सबसे बड़े चंद्रमा टाइटन पर एक विशाल समुद्र देखा गया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि टाइटन की चट्टानी परत से करीब 100 किलोमीटर की गहराई पर एक विशाल सागर है।
टाइटन के घूर्णन व उसकी कक्षा में गति के आधार पर साल 2011 में इस पर सागर होने की अवधारणा व्यक्त की गई थी।
'साइंस' पत्रिका में प्रकाशित कैसिनी-ह्यूजेंस जांच से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर किए गए अध्ययन से इस परिकल्पना की पुष्टि हुई है।
सागर परिकल्पना के मुताबिक जब टाइटन शनि ग्रह के नजदीक होता है तो शनि के गुरुत्व के कारण उसके आकार में हल्का सा परिवर्तन होता है। यदि टाइटन पूरी तरह से ठोस होता तो उसके आकार में यह परिवर्तन नहीं होता।
इतालवी शोधकर्ता लुसियानो एस के नेतृत्व में शोधार्थियों के एक दल ने टाइटन के गुरुत्व का अध्ययन किया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि टाइटन पर मिले समुद्र में अमोनिया या इसके सल्फेट्स की मात्रा बहुत ज्यादा है और यह ठंडा है। वहीं बृहस्पति ग्रह के चंद्रमा यूरोपा पर सतह के नीचे पाया जाने वाला जल बहुत गर्म है।
वैसे टाइटन पर खनिजों की अनुपस्थिति वहां पर जीवन की सम्भावना पर संशय पैदा करती है, हालांकि कुछ अध्ययनों में पता चला है कि कुछ बैक्टीरिया बेहद विपरीत परिस्थितियों में भी जीवित रह सकते हैं।
टाइटन शनि ग्रह के 13 मुख्य चंद्रमाओं में से एक है। वर्ष 1655 में क्रिश्चन हजेंस ने इसे खोजा था।