30 जून 2012
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कुछ अन्य विपक्षी पार्टियों की ओर से राष्ट्रपति चुनाव के उम्मीदवार पी.ए. संगमा की बेटी व ग्रामीण विकास राज्य मंत्री अगाथा संगमा बीते 10 दिनों में तीसरी बार शनिवार को भी मीडिया के सवालों से बचने के लिए एक कार्यक्रम में शामिल नहीं हुईं।
अगाथा को शनिवार सुबह 'सीकिंग अवर कलेक्टिव पीस, द नॉर्थईस्ट इंडिया डायस्पोरा लुक्स इनटू सोल्यूशंस फॉर पीस एंड डेवलपमेंट इन रीजन' विषय पर एक सम्मेलन का उद्घाटन करना था लेकिन अंतिम समय में उन्होंने अपना कार्यक्रम रद्द कर दिया।
सम्मेलन के आयोजनकर्ताओं में से एक 'मणिपुर वुमैन गन सर्वाइवर्स नेटवर्क' की संस्थापक बीनालक्ष्मी नेपराम ने कहा, "उन्होंने अपने उपस्थित होने की पुष्टि की थी। बाद में उन्होंने कहा कि टुरा (अरुणाचल प्रदेश) में एक धार्मिक समारोह के चलते वह यहां नहीं पहुंच पाएंगी। मैंने उनसे कहा कि उन्हें एक वक्तव्य जारी करना चाहिए। उन्होंने ऐसा किया। हम उसे यहां पेश नहीं कर सकते।"
गुरुवार को जब पी.ए. संगमा ने 19 जुलाई को सम्पन्न होने जा रहे राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन भरा था तब उनके साथ मौजूद लोगों में अगाथा नहीं थीं।
इससे एक सप्ताह पहले वह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की उस बैठक से भी गायब थीं, जिसमें संगमा की उम्मीदवारी पर निर्णय लिया जाना था। पी.ए. संगमा ने उनकी उम्मीदवारी को भाजपा व ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) व बीजू जनता दल (बीजद) जैसी अन्य विपक्षी पार्टियों से समर्थन मिलने के बाद राकांपा से इस्तीफा दे दिया था।
इसके बाद अगाथा की प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मंत्रिमंडल में बने रहने पर सवाल उठ रहे थे। माना जा रहा था कि सत्तारूढ़ कांग्रेस अगाथा को मंत्री पद से हटाकर पूर्वोत्तर को अलग-थलग नहीं करना चाहती।
वहीं पी.ए. संगमा ने कहा कि उनकी बेटी बहुत परिपक्व है और वह अपना राजनीतिक भविष्य खुद तय करेगी।