3 जुलाई 2012
लखनऊ । उत्तर प्रदेश में विधानसभा सत्र के अंतिम दिन मंगलवार को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि अब विधायक क्षेत्र विकास निधि के धन से अपने लिए वाहन खरीद सकते हैं। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और कांग्रेस ने हालांकि अखिलेश के इस फैसले का विरोध किया है।
अखिलेश ने मंगलवार को कहा कि विधायकों को अपने कामों के लिए इधर-उधर जाना पड़ता है, इसलिए सरकार ने फैसला किया है कि वे अपनी क्षेत्र विकास निधि से 20 लाख रुपये तक की गाड़ी खरीद सकते हैं।
मुख्यमंत्री के इस फैसले का विरोध करते हुए बसपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि सरकार का यह फैसला सही नहीं है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र विकास निधि का पैसा क्षेत्र के विकास के लिए होता है, न कि अपने निजी फायदे के लिए। इसलिए सरकार को यह फैसला वापस ले लेना चाहिए।
मौर्य ने कहा कि बसपा सरकार इस फैसले का जमकर विरोध करेगी।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने भी क्षेत्र विकास निधि के पैसे से विधायकों को गाड़ी खरीदने की अनुमति दिए जाने पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से जनता के बीच गलत संदेश जाएगा।
तिवारी ने कहा कि विधायकों को जो क्षेत्र विकास निधि मिलती है, वह क्षेत्र के विकास के लिए होती है। यदि सरकार को ऐसा लगता है कि विधायकों को वाहन की व्यवस्था की जानी चाहिए तो इसके लिए अलग से व्यवस्था की जाए।
मुख्यमंत्री ने इसके अलावा भी कई मुद्दों पर सदन का ध्यान आकृष्ट कराया। अखिलेश ने कहा कि सरकार सूबे का बिजली संकट दूर करने के लिए कोयले के आयात का मन बना रही है। उन्होंने कहा कि जब तक बिजलीघरों के लिए कोयले की व्यवस्था नहीं होगी, तब तक यह समस्या दूर नहीं होगी।
अखिलेश ने कहा कि यदि कोल लिंकेज नहीं मिलता है तो सरकार विदेशों से कोयला आयात करने पर भी विचार करेगी, ताकि इस संकट से निपटा जा सके।
उल्लेखनीय है कि 28 मई को शुरू हुए विधानसभा सत्र का मंगलवार को अंतिम दिन है।