4 जुलाई 2012
हैदराबाद । आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने बुधवार को वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के नेता वाई.एस. जगनमोहन रेड्डी की जमानत याचिका खारिज कर दी। उन्हें अवैध सम्पत्ति मामले में गिरफ्तार किया गया था। न्यायालय ने अवैध सम्पत्ति मामले में अपना फैसला 28 जून तक के लिए सुरक्षित रखा था और यह फैसला तब आया है जब इसी दिन निचली अदालत ने जगन की न्यायिक हिरासत बढ़ा दी है।
न्यायमूर्ति सामुद्राला गोविंदराजुला केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की बात से सहमत थे कि यदि जगन को जमानत दे दी गई तो वह इस मामले के गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं।
जगन दिवंगत मुख्यमंत्री वाई.एस. राजशेखर रेड्डी के बेटे हैं। उन्हें सीबीआई ने 27 मई को गिरफ्तार किया था।
सीबीआई ने उनकी जमानत याचिका का विरोध इस आधार पर किया कि वह सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं और गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं।
सीबीआई के वकील अशोक भान का कहना था कि इस मामले में जनता के पैसे की जमकर लूट हुई है। उन्होंने कहा कि जगन के पिता व तत्कालीन मुख्यमंत्री राजशेखर रेड्डी द्वारा जगन के व्यवसाय में निवेश करने वाली कम्पनियों को पहुंचाए गए फायदे से राज्य के खजाने में 43,000 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचा है।
जगन के वकील व सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी ने उनकी जमानत के लिए काफी कोशिश की। उनका कहना था कि जगन के खिलाफ यह मामला राजनीति से प्रेरित है।
जेठमलानी ने यह भी आरोप लगाया कि जगन की गिरफ्तारी गैरकानूनी थी और सीबीआई की यह कार्रवाई अदालत की अवमानना थी क्योंकि उन्हें न्यायालय द्वारा भेजे गए सम्मन के बाद अगले ही दिन निचली अदालत में उपस्थित होना था।
सीबीआई इस मामले में जगन व अन्य के खिलाफ अब तक चार आरोप-पत्र दाखिल कर चुकी है। उच्च न्यायालय के निर्देश पर पिछले साल ये मामले दर्ज किए गए थे।