13 जुलाई 2012
शिलांग। मेघालय की कोयला खदान में पिछली छह जुलाई से फंसे 15 मजदूरों के बचने की उम्मीद और कम हो गई है। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने शुक्रवार को इन मजदूरों को बचाने का अपना अभियान बंद कर दिया। पिछले सप्ताह गुरुवार को दक्षिण गारो हिल्स जिले में स्थित खदान में ये खनिक उस समय फंस गए थे, जब वे लावारिश पड़ी एक खदान की दीवार को खोद बैठे। इसके बाद खदान में पानी भर गया और वे उसमें फंस गए।
दक्षिण गारो हिल्स जिले के पुलिस अधीक्षक डेविस आर. माराक ने आईएएनएस को बताया,यह खदान भरभरा कर गिरने के कगार पर है, जिसके चलते एनडीआरएफ के राहत कर्मियों को भी जान का खतरा हो सकता है। इसीलिए उसने इस अभियान को बंद कर दिया है।
गुरुवार सुबह से शुरू हुए इस बचाव अभियान में शामिल लगे दल ने इन तमाम जरूरी उपकरणों की सहायता से सकरी सुरंगनुमा खदान से खनिकों को निकालने पूरी कोशिश की, लेकिन कोई सफलता हाथ नहीं लगी।
माराक ने बताया कि गोताखोरों ने इस खदान के अंदर जाकर मजदूरों को खोजने की भरपूर कोशिश की, लेकिन खदान में बन रही जहरीली गैस के चलते उन्हें बाहर आना पड़ा।
जिला प्रशासन हालांकि, इस खदान से पानी बाहर निकालने का काम जारी रखेगा, लेकिन माराक के मुताबिक इन मजदूरों के जिंदा बचने की उम्मीद अब न के बराबर है और कोई चमत्कार ही उन्हें बचा सकता है।
इस पूरे हादसे में लापरवाही बरतने के आरोप में मेघालय पुलिस ने तीन लोगों को हिरासत में लिया है, जिनमें खदान के मालिक कुदन ए.संगमा, खदान के संचालक गुरदीप सिंह और 'कैप्टन' नामक मजदूरों का मुखिया शामिल है।