15 जुलाई 2012
वाशिंगटन। अभिनेत्री फ्रीडा पिंटो का कहना है कि उनकी फिल्म 'तृष्णा' बहुत खूबसूरत लेकिन दुखद कहानी है। फिल्म एक ऐसी लड़की की कहानी है, जो पारम्परिक परवरिश और एक आधुनिक भारत की लड़की के सपनों के बीच फंसी होती है। माइकल विंटरबोटम की यह नई फिल्म थॉमस हार्डी के प्रतिष्ठित उपन्यास 'टीस ऑफ द डी'उर्बेरविलेस' पर आधारित है, जिसे राजस्थान के ग्रामीण परिवेश में फिल्माया गया है। इसमें पिंटो, तृष्णा नाम की लड़की का मुख्य किरदार निभा रही हैं। तृष्णा एक ऑटो चालक की बहन होती है, जो एक अमीर लड़के के साथ प्रेम में पड़ जाती है।
फ्रीडा ने कहा, "मुझे लगता है कि सफर बहुत सुंदर है लेकिन बहुत दुखद भी है, क्योंकि यह शरुआत में बहुत मासूमियत से शुरू होता है और बाद में हताशा की स्थिति में चली जाती है।"
उन्होंने बताया कि उन्हें लगता था कि तृष्णा एक कठिन किरदार है क्योंकि यह उनके वास्तविक जीवन से बहुत अलग था।
अपने किरदार की तैयारी के लिए फ्रीडा ने राजस्थान के ओसियन गांव में एक परिवार के साथ कुछ समय बिताया था और ऐसी लड़कियों का साक्षात्कार भी लिया था, जो होटलों में काम करती हैं और एयरलाइंस में ग्राउंड कर्मचारियों के रूप में कार्यरत हैं।
डैनी बॉयले के निर्देशन में बनी अपनी पहली फिल्म 'स्लमडॉग मिलियनेयर' से सुर्खियों में आई फ्रीडा ने कहा कि बॉयले और विंटरबोटम दोनों बहुत अद्भुत फिल्मकार हैं और दोनों के काम करने की शैली भी अलग है।
अभिनेत्री ने कहा कि दोनों फिल्में एकदम अलग हैं। " 'स्लमडॉग मिलियनेयर' एक प्रेम कहानी है, जो अंत में उम्मीदों से भरा एक सुंदर संदेश देती है। लेकिन 'तृष्णा' एक दुखद प्रेम कहानी है, जो दुख से भरी है।"