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राजेश खन्ना नहीं रहे, प्रशंसक मायूस और दुखी
18 जुलाई 2012
 

"मौत आनी है आएगी एक पल। ऐसी बातों से क्या घबराना। जिंदगी एक सफर है सुहाना। यहां कल क्या हो किसने जाना।"
 
अंदाज फिल्म का यह गीत राजेश खन्ना के सुपर हिट गानों में है। वास्तव में किसे पता था कि राजेश खन्ना बीमारी से आँख मिचौली करते हुए इस तरह चले जाएंगे। मौत को आना था, आखिरकार आ ही गई। 69 साल के राजेश खन्ना नहीं रहे। मुंबई में बुधवार को उन्होंने अपने निवास आशीर्वाद में आखिरी साँस ली। वह बार बार अस्पताल जाते और फिर वहां से घर आकर अपने प्रशंसकों को यह संदेश देने की कोशिश करते कि उनका सुपरस्टार इस तरह इतनी जल्दी दुनिया को अलविदा नहीं कहेगा।
राजेश खन्ना जैसा सुपर स्टार बॉलीवुड ने कभी नहीं देखा। लेकिन, दुनिया को उन्होंने अलविदा कहा तो बिलकुल अलग ही तरह से। वैसे,चंद दिन पहले सोशल मीडिया के तमाम मंचों पर उनके निधन की खबर प्रसारित हो गई थी। उस वक्त उन्होंने खबरों को झूठा साबित कर दिया था। वह जीवित थे और जीवित रहने का सबूत देते हुए प्रशंसकों के सामने आए। इस बार ऐसा नहीं हुआ। उनके निधन की खबर आई और सच साबित हुई। राजेश खन्ना के निधन की खबर में प्रशंसकों को मायूस और निराश कर दिया है।
राजेश खन्ना बीते 1 अप्रैल से बीमार थे। कमजोरी की शिकायत के चलते उन्हें ‌लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालांकि उन्हें चार दिनों में ही डॉक्टरों ने अस्पताल से छुट्टी दे दी थी। राजेश से अलग रह रही उनकी पत्नी डिम्पल कपाड़िया बीमारी के बाद से ही उनकी देखभाल कर रही थी। उनकी बेटियां ट्विंकल, रिंकी, दामाद अक्षय कुमार और समीर शरण भी उनके साथ ही थे।
69 साल के अभिनेता को 23 जून को लीलावती अस्पताल में दोबारा भर्ती कराया गया था। तब उन्हें दो हफ्ते बाद अस्पताल से छुट्टी मिली थी। कमजोरी की शिकायत के कारण उन्हें शनिवार को लीलावती अस्पताल में तीसरी बार भर्ती कराया गया। लेकिन मंगलवार का डॉक्टरों ने उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी थी।
29 दिसंबर 1942 को अमृतसर में जन्मे राजेश खन्ना का असली नाम जतिन खन्ना है। 1966 में उन्होंने पहली बार 24 साल की उम्र में आखिरी खत नामक फिल्म में काम किया था। इसके बाद राज, बहारों के सपने, औरत के रूप जैसी कई फिल्में उन्होंने की। लेकिन उन्हें असली कामयाबी 1969 में आराधना से मिली। एक के बाद एक 14 सुपरहिट फिल्में देकर उन्होंने हिंदी फिल्मों के पहले सुपरस्टार का तमगा अपने नाम किया।
1971 में राजेश खन्ना ने कटी पतंग, आनंद, आन मिलो सजना, महबूब की मेंहदी, हाथी मेरे साथी, अंदाज नामक फिल्मों से अपनी कामयाबी का परचम लहराये रखा। बाद के दिनों में दो रास्ते, दुश्मन, बावर्ची, मेरे जीवन साथी, जोरू का गुलाम, अनुराग, दाग, नमक हराम, हमशक्ल जैसी फिल्में भी कामयाब रहीं। राजेश खन्ना ने डिंपल से 1973 में शादी की थी और 1984 में वो अलग हो गए थे।
राजेश खन्ना हाल के साल में सक्रिय नहीं थे, लेकिन उनकी फिल्में सदाबहार हैं। वह अपनी फिल्मों के जरिए देशवासियों के दिलों में हमेशा जीवित रहेंगे।

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