18 जुलाई 2012
मुम्बई। बॉलीवुड में नाटकीयता से भरपूर फिल्में बनाने के लिए मशहूर करन जौहर का मानना है कि असल जिंदगी में, फिल्मों से ज्यादा नाटकीयता होती है।
40 साल के करन का कहना है,"मैँ आपको बता दूं कि हम लोगों की निजी जिदगी नाटकीयता से भरी हुई हैं। फिल्मों में तो तब भी यह हल्की होती है, लेकिन अगर आप हमारी असल जिदगी की कहानी देखेंगे तो आपके पता चलेगा कि हम कितनी हल्की कहानियों पर फिल्में बनाते हैं।"
करन 'कुछ कुछ होता है', 'कल हो ना हो', 'कभी खुशी कभी गम', और 'कभी अलविदा ना कहना' जैसी फिल्में बना चुके हैं।