19 जुलाई 2012
मुम्बई। हिन्दी फिल्मों का एक युग आखिरकार राख में तब्दील हो गया। भारतीय सिनेमा का पहला सुपर स्टार यानी राजेश खन्ना का आज अंतिम संस्कार हो गया। राजेश खन्ना के नाती अरव ने गुरुवार को उन्हें मुखाग्नि दी। विले पार्ले श्मशान घाट पर हिन्दी सिनेमा के इस महानायक को अंतिम श्रद्धांजिल देने हज़ारों लोग जुटे। राजेश खन्ना के करीबी मित्र विजय जावेरी ने बताया, "अरव ने अपने नाना को मुखाग्नि दी और राजेश के दामाद अक्षय कुमार ने उसकी मदद की।"
मुखाग्नि के वक्त परिजनों की आँखें नम थीं तो वहां मौजूद सैकड़ों लोगों के बीच भी भावनाओं का ज्वार फूट रहा था। बारिश के बावजूद हजारों प्रशंसक राजेश खन्ना को श्रद्धांजलि देने के लिए इकट्ठा हुए। हिन्दी फिल्म उद्योग की करण जौहर और रानी मुखर्जी जैसी हस्तियां भी बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार को अंतिम विदाई देने पहुंची।
राजेश की अंतिम यात्रा उनके बांद्रा स्थित निवास 'आशीर्वाद' से लगभग 10 बजे शुरू हुई। उनके पार्थिव शरीर को पारदर्शी ताबूत में सफेद फूलों से सजे मिनी ट्रक में रखा गया है।
अभिनेता की अंतिम यात्रा में उनसे अलग रही पत्नी डिम्पल कपाड़िया, उनकी बेटियां रिंकी और ट्विंकल और दामाद अक्षय कुमार उनके साथ रहे। डिम्पल ने अंतिम दिनों में राजेश की खासी देखभाल की थी।
अपने परिवार और दोस्तों द्वारा काका कहकर पुकारे जाने वाले राजेश का बुधवार सुबह लीवर के संक्रमण की वजह से निधन हो गया था।
राजेश ने अपने बॉलीवुड करियर की शुरुआत वर्ष 1966 में फिल्म 'आखिरी खत' से की थी। इसके बाद उन्होंने 'अराधना', 'कटी पतंग', 'अमर प्रेम' और 'आनंद' जैसी फिल्मों से शोहरत हासिल की।