25 जुलाई 2012
जोधपुर। बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान और सैफ अली खान की मुश्किलें बढ़ गई हैं। राजस्थान हाई कोर्ट ने 1998 में एक फिल्म की शूटिंग के दौरान अभिनेता सलमान खान, सैफ अली खान, सोनाली बेंद्रे, अभिनेत्री नीलम कोठारी, तब्बू व स्थानीय सहयोगी दुष्यंत सिंह के खिलाफ कांकाणी में दो काले हिरणों के शिकार के मामले में निचली अदालत द्वारा पारित आदेश के खिलाफ सरकार की ओर से दायर निगरानी याचिका आंशिक रूप से स्वीकार कर ली है।
अब इन आरोपियों के खिलाफ मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में वन्य जीव संरक्षण अधिनियम की धारा 9/52 व आईपीसी की धारा 149 के तहत मुकदमा शुरू किया जाएगा। न्यायाधीश संदीप मेहता ने मंगलवार को सरकार बनाम सलमान खान व अन्य तथा सरकार बनाम सैफ अली खान, नीलम कोठारी व दुष्यंत मामले का निर्णय सुनाते हुए एडीजे तृतीय के 4 मई, 2006 के आदेश को आंशिक रूप से अपास्त कर दिया। वहीं न्यायिक मजिस्ट्रेट जोधपुर के 20 फरवरी 2006 के आदेश को आंशिक रूप से लागू कर दिया।
मामले के अनुसार करीब 14 वर्ष पूर्व फिल्म ‘हम साथ साथ हैं’ की शूटिंग के दौरान फिल्म अभिनेता सलमान खान, सैफ अली खान, सोनाली बेंद्रे, नीलम कोठारी व दुष्यंत सिंह ने 2 अक्टूबर 1998 को कांकाणी में दो काले हिरणों का शिकार किया।
तब वन विभाग की ओर से मुंसिफ व न्यायिक मजिस्ट्रेट जिला जोधपुर में वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया, लेकिन मजिस्ट्रेट ने स्वप्रेरणा से आईपीसी की धारा 147, 148 व 149 जोड़ते हुए 20 फरवरी 2006 को आदेश पारित किए। इस आदेश के खिलाफ सलमान व अन्य की ओर से अपर जिला व सेशन जज तृतीय (एडीजे-3) की अदालत में निगरानी याचिका दायर की गई।
जिसे कोर्ट ने स्वीकार करते हुए सलमान खान को आईपीसी की धारा 148 व आर्म्स एक्ट की धारा 27 से तथा अन्य आरोपियों को आईपीसी की धारा 147 से बरी कर दिया था। इसके खिलाफ सरकार की ओर से वर्ष 2006 में हाईकोर्ट में निगरानी याचिकाएं दायर की गईं, जिसका निर्णय 8 वर्ष बाद हुआ।