27 अगस्त 2012
नई दिल्ली। फिल्म 'वॉकवे' का निर्देशन करने वाली शैलजा गुप्ता का कहना है कि उचित प्लेटफार्म न मिलने और सही वितरण संरचना की कमी के कारण भारत के स्वतंत्र फिल्म निर्माताओं के विकास को झटका पहुंचा है।
शैलजा ने 'वॉकवे' को ऑनलाइन प्रदर्शित किया था। फिल्म न्यूयार्क में बसे भारतीय पेशेवरों के दायित्वों को लेकर एक व्यंग्य है। फिल्म अक्टूबर 2010 में अमेरिका में साधारण रूप से प्रदर्शित हुई थी, लेकिन शैलजा भारतीय सिनेमाघरों में फिल्म को रिलीज करने में असफल रही थी।
इसके बाद उनके पास केवल ऑनलाइन का विकल्प बचा था। गुप्ता ने बताया, "विशेषकर भारतीय बाजार में स्वतंत्र फिल्म प्रदर्शित करना बहुत मुश्किल है। अगर आपको समाचार पत्रों की कवरेज और बड़ा प्रचार चाहिए, तो यह बिना बड़े कलाकारों और प्रोड्क्शन बैनर के नाम के नहीं हो सकता। यह सब एक स्वतंत्र फिल्म निर्माता के लिए काफी मुश्किल है।"
38 वर्षीय गुप्ता ने जून के आसपास अपनी फिल्म को वीडियो पेवाल सिस्टम के जरिए ऑनलाइन रिलीज किया था। दर्शक एक घंटा 34 मिनट लम्बी इस फिल्म को केवल 2.99 डॉलर का भुगतान कर किसी भी वक्त देख सकते हैं।
गुप्ता ने कहा, "इंटरनेट निश्चित रूप से स्वतंत्र फिल्म निर्माताओं के लिए अगला कदम है। लेकिन भारत में कनेक्टिविटी अच्छी नहीं है- जो भी फिल्म देखता है, उसे वीडियो के बफर होने तक लम्बा इंतजार करना पड़ता है और उसके बाद ही वह फिल्म देख पाता है। इसलिए ऑनलाइन का रास्ता हमारे लिए खुला हुआ है, लेकिन मैं नहीं समझती कि यह बहुत जल्दी हो पाएगा।"