14 सितम्बर 2012
नई दिल्ली। अभिनेता सौरभ शुक्ला ने भले ही व्यावसायिक फिल्मों में अपनी जगह बना ली है, लेकिन जब फिल्म निर्माण की बात आती है, तो वह मुख्यधारा वाली फिल्मों की बजाय लीक से हटकर विषय चुनते हैं। शुक्ला महसूस करते हैं कि उनमें मुख्यधारा वाली फिल्में बनाने की विशिष्टता नहीं है।
सौरभ ने बताया, "यह आपकी योग्यता पर निर्भर करता है। एक अभिनेता के तौर पर मेरे अंदर तथाकथित व्यावसायिक फिल्मों से तथाकथित आर्ट फिल्मों में परिवर्तित होने की क्षमता है। लेकिन एक लेखक और निर्देशक के रूप में मुझ में ऐसा परिवर्तन करने की योग्यता नहीं है। इसलिए मैं केवल वही लिखता हूं, जिसे मैं समझ सकता हूं और निर्देशन कर सकता हूं।"
सौरभ 'बैंडिट क्वीन', 'युवा', 'लक बाइ चांस' और 'आरक्षण' जैसी फिल्मों में अभिनय कर चुके हैं। वहीं निर्देशक के तौर पर उन्होंने 'रात गई बात गई', 'पप्पु कांट डांस साला' और 'आई एम 24' में काम किया है।
सौरभ का कहना है कि उनकी अधिकांश फिल्मों के विषय वास्तविक जीवन से प्रेरित होते हैं। वह इस वक्त अपनी आने वाली फिल्म 'जोली एलएलबी' और 'मोहल्ला अस्सी' के प्रदर्शित होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।