20 सितम्बर 2012
मुम्बई। फिल्म निर्माता करण जौहर इन दिनों छोटे पर्दे पर दिखाई दे रहे हैं, लेकिन उनका कहना है कि वह टीवी के लिए पूरे समय काम नहीं कर सकते क्योंकि वह टीआरपी की धारणा को नहीं समझते। साथ ही उनका मानना है कि सिनेमा टीवी से कहीं अधिक प्रगतिशील है।
करण ने बताया, "भारतीय टेलीविजन के अपने सकारात्मक और नकारात्मक पहलू हैं। इसके दर्शकों की संख्या बहुत अधिक है और कुछ शो बहुत मनोरंजक हैं, लेकिन मुझे लगता है कि इसे अपने वर्तमान क्षेत्र से बाहर आने की जरूरत है।"
उन्होंने कहा, "हर बार वह कुछ नया करने की कोशिश करते हैं, लेकिन वह काम नहीं कर पाता और टीआरपी भी नहीं बटोर पाता इसी वजह से वे दोबारा असामान्य चीजें दिखानी शुरू कर देते हैं।"
उन्होंने टीवी उद्योग के परिदृश्य की तुलना बॉलीवुड से करते हुए कहा, "टीवी उद्योग टीआरपी के आसपास रहता है, जैसे सिनेमा के लिए बॉक्सऑफिस है। हर बुधवार सुबह टीवी से जुड़े लोगों के लिए टीआरपी के आंकड़े आते हैं। किसी दिन जीटीवी शीर्ष पर होता है, कभी कलर्स तो कभी कोई और। मैं नहीं जानता कि यह सब कैसे काम करता है।"