22 सितम्बर 2012
मुम्बई। बॉक्स आफिस पर 100 करोड़ रुपये कमाने से ज्यादा हजारों लोगों को दिल को छूने में यकीन रखने वाले फिल्म निर्देशक अनुराग बसु का कहना है कि फिल्म उद्योग में अक्सर बहुमुखी प्रतिभा फायदेमंद नहीं होती। अनुराग ने कहा, "मैं व्यक्तिगत रूप से मानता हूं कि बहुमुखी प्रतिभा होना निर्देशक के लिए फायदेमंद नहीं होता। फिल्म निर्माता यह नहीं जानते कि वह आपको कहां रखें क्योंकि उन्हें यह नहीं पता होता कि आप आगे क्या लेकर आने वाले हैं।"
अनुराग की फिल्म 'बर्फी' अपने प्रदर्शन के एक सप्ताह बाद भी दर्शकों को सिनेमाघर की तरफ खींचने में कामयाब रही है। लेकिन वह न तो इसके 100 करोड़ की कमाई को लेकर परेशान हैं न ही इसे 'आस्कर' में भेजे जाने को लेकर ।
उन्होंने कहा, "मैं 100 करोड़ रुपये बनाना नहीं जानता। लेकिन मैं मानता हूं कि लोगों के दिल को छूना ज्यादा मुश्किल होता है। मैं अपनी फिल्म के जरिए सैंकड़ों और हजारों लोगों के दिलों को छूना चाहता हूं और बस यही मेरे लिए मायने रखता है। कमाई मेरे लिए महत्वपूर्ण नहीं है।"
महानायक अमिताभ बच्चन, फिल्म निर्देशक करन जौहर सहित बॉलीवुड की कई चर्चित हस्तियों ने 'बर्फी' की प्रशंसा की है वहीं अनुराग के लिए इन हस्तियों की टिप्पणी काफी मायने रखती है और उनका मानना है कि किसी एक निर्देशक के दूसरे निर्देशक की तारीफ करने के लिए बड़े दिल की जरूरत होती है।
इस बीच 'बर्फी' को 'फिल्म फेडरेशन आफ इंडिया' द्वारा 'आस्कर' में विदेशी भाषा की फिल्म के पुरस्कार के लिए भेजे जाने वाली फिल्मों की संक्षिप्त सूची में शामिल किया गया है।
अनुराग ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "यह बहुत अच्छी बात है, लेकिन मुझे नहीं पता हमारे लिए वहां कितनी उम्मीद है, क्योंकि इस साल न सिर्फ बॉलीवुड बल्कि क्षेत्रीय भाषाओं में भी अच्छी फिल्में बनी हैं।"