6 अक्टूबर 2012
मुम्बई। हिदी भाषा पर अच्छी पकड़ की वजह से बॉलीवुड फिल्म को सहजता से लेने वाले दक्षिण के अभिनेता पृथ्वीराज सुकुमारन 'अईया' से हिंदी सिनेमा में कदम रख रहे हैं और वह बॉलीवुड में अपना स्थान बनाने के लिए उत्सुक हैं।
पृथ्वीराज ने कहा, "मैं दक्षिण की फिल्में कम करना चाहता हूं। मैं साल में एक या दो फिल्म करूंगा। यानी कि तीन महीने और बाकी वक्त मैं बॉलीवुड करियर को दूंगा।"
केरल में जन्मे पृथ्वीराज बॉलीवुड की किसी खास विधा की फिल्म के बारे में नहीं सोच रहे।
उन्होंने कहा, " मैं ऐसी विधा पर काम करना चाहता हूं जो अच्छी सिनेमा को परिभाषित करे।"
29 वर्षीय अभिनेता ने 2002 में मलयालम 'नदानम' से अभिनय की शुरुआत की थी और उसके बाद उन्होंने 2005 में 'काना कानडेन' से तमिल सिनेमा में कदम रखा था।
पृथ्वीराज का मानना है कि दक्षिण में समय के प्रति प्रतिबद्ध रहना होता है जबकि बॉलीवुड में ऐसा नहीं है।
उन्होंने कहा, " बॉलीवुड में फिल्में अपने मुताबिक बनाई जाती है, आप इसे सम्पादित करते हैं, आप इसका काम देखते हैं फिर यह तय करते हैं कि यह कब प्रदर्शित की जानी चाहिए। फिल्म के बनाए जाने को लेकर मैं भी ऐसा ही सोचता हूं।"
12 अक्टूबर को प्रदर्शित हो रही सचिन कुंडालकर द्वारा लिखी और निर्देशित फिल्म 'अईया' रानी मुखर्जी पर केंद्रित है, लेकिन पृथ्वीराज को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।
पृथ्वीराज ने कहा, "मुझे इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि मेरी पहली फिल्म अभिनेत्री पर कें द्रित है। मेरी पहली मलयालम फिल्म भी महिला प्रधान थी। इसके बावजूद मैंने मलयालम फिल्म में अपना स्थान बनाया, और अगर मैं बॉलीवुड में भी वही स्थान पाता हूं तो फिर इसमें क्या हानि है?"