18 अक्टूबर 2012
नई दिल्ली। ऑस्कर विजेता अभिनेता-फिल्म निर्देशक बेन एफलेक को डर है कि वह फिल्म 'अर्गो' में जिस चीज को बताना चाहते हैं, उसका कुछ लोग गलत अर्थ निकाल सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह असल कहानी पर आधारित एक 'वास्तविक फिल्म' है।
एफलेक ने लास एंजेलिस से ईमेल पर गए साक्षात्कार में बताया, "मैंने एक ऐसी फिल्म बनाने की कोशिश की है, जो तथ्यों पर आधारित है। इसलिए मैंने कहानी को जितना सम्भव हो सका सही ढंग से पेश करने की कोशिश की, क्योंकि मैं नहीं चाहता था कि इसे गलत ढंग से लिया जाए।"
फिल्म 'अर्गो' अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए के अधिकारी टोनी मेंडेज पर आधारित है, जिन्होंने वर्ष 1970 के दशक में ईरान स्थित कनाडा के दूतावास में शरण लिए हुए छह अमेरिकी नागरिकों को स्वतंत्र कराने की योजना बनाई थी। फिल्म में मेंडेज की भूमिका स्वयं एफलेक ने निभाई है।
'गुड विल हंटिंग' की पटकथा के लिए ऑस्कर जीतने वाले बहु-प्रतिभाशाली एफलेक ने ही 'अर्गो' का निर्देशन भी किया है। फिल्म शुक्रवार को भारत में प्रदर्शित होगी।
उन्होंने कहा, "मैं अंतर्राष्ट्रीय या घरेलू स्तर पर फिल्म को पक्षपाती ढंग से राजनीतिक रंग नहीं देना चाहता। मैं बस एक कहानी बताना चाहता हूं, जो उन तथ्यों पर आधारित है, जिसे मैंने समझा है। सम्भव है कि दो भिन्न राजनीतिक पृष्ठभूमि के लोग इसकी अलग-अलग व्याख्या करें।"
उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि अधिकतर बार आपकी व्याख्या उस पर परिस्थति पर आधारित होती है, जिसका आपने सामना किया और जिसके कारण आपकी एक अलग तरह की धारणा बनी हो। यदि लोग इसे गलत तरीके से पेश करना चाहेंगे तो किसी भी तरह से ऐसा करेंगे। हमने सच्ची कहानी पर आधारित एक ईमानदार और वास्तविक फिल्म बनाने की कोशिश की है।"
'अर्गो' का निर्माण वार्नर ब्रदर्स प्रोडक्शन के बैनर तले हुआ है।