29 अक्टूबर 2012
मुम्बई। फिल्म निर्माता-निर्देशक करण जौहर के लिए फिल्में ही सब कुछ हैं और उनका कहना है वह इसके अलावा किसी और चीज के बारे में नहीं सोच सकते। करण ने कहा, "मेरा काम मेरी जिंदगी है। मेरी फिल्में मुझे चलाती हैं और फिल्म के बाहर मेरी कोई जिंदगी नहीं है। यह मेरा पहला जुनून है।"
1998 की फिल्म 'कुछ कुछ होता है' से रोमांटिक फिल्मों को नई परिभाषा देने वाले करण ने अपनी फिल्म 'कल हो ना हो' में इस चलन को बरकरार रखा।
करण का कहना है कि वह वैसी फिल्में बनाते हैं जो उन्हें पसंद है और जिससे उन्हें बेहतर पाने की आशा हो। वह किसी खास कसौटी या चलन का अनुसरण नहीं करते।
करण की आखिरी प्रदर्शित फिल्म 'स्टूडेंट आफ द ईयर' थी जिसे समीक्षकों और दर्शकों दोनों की सराहना मिली।