29 अक्टूबर 2012
मुम्बई। मुम्बई के साथ प्यार का लम्बा इतिहास होने की बात कहने वाली पाकिस्तानी निर्देशिका इराम परवीन बिलाल का कहना है कि दिल में पाकिस्तानियों के लिए खास जगह रखने वाले दिवंगत फिल्मकार यश चोपड़ा की प्रेरणा से ही उन्होंने इंजीनियरिंग में स्नातक करने के बाद फिल्म निर्माण की तरफ रूख किया।
चार साल की कठिन मेहनत के बाद पहली फिल्म बनाने वाली युवा निर्देशिका बिलाल चोपड़ा की 'कभी कभी' और 'चांदनी' जैसी फिल्में देख कर बड़ी हुई हैं।
बिलाल ने कहा, " मैं हमेशा से बेहद पढ़ाकू रही हूं और मैं भौतिकी के एशियन ओलम्पियाड के लिए चुनी गई थी। लेकिन मेरे माता-पिता और मैं हमेशा से बॉलीवुड फिल्में पसंद करते थे। मैं नाइजीरिया और पाकिस्तान में पली-बढ़ी हूं और 'सिलसिला', 'कभी कभी', 'चांदनी' जैसी फिल्में देख कर बड़ी हुई हूं।"
बिलाल ने चार साल की मेहनत के बाद अपनी पहली फिल्म 'जोश' बनाई जो 14 वें मुम्बई फिल्म महोत्सव में 'फिक्शन श्रेणी' में प्रदर्शित एकमात्र पाकिस्तानी फिल्म थी। बिलाल को इस बात का दुख है वह अपने पसंदीदा निर्देशक चोपड़ा से नहीं मिल पाई।
इस महान फिल्मकार के साथ अपने जुड़ाव की बात करते हुए उन्होंने कहा, "मुम्बई के साथ प्यार का मेरा लम्बा इतिहास रहा है। मैं यहां पहली बार 2004 में आई थी। मैं जब भी यहां आई मैं यश जी से मिली । व्यस्त रहने के बावजूद वह 5-10 मिनट का समय मेरे लिए निकाल लेते थे। वे मुझे ज्ञान देते थे। लेकिन सच्चाई यह है कि वह अब इस दुनिया में नहीं हैं और उनसे न मिल पाना तकलीफदेह है।"
बिलाल का कहना है कि वह उनके परिवार में किसी को नहीं जानती लेकिन वह उनके घर जाएंगी और चोपड़ा को श्रद्धांजलि देगी।